वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए नीतिगत दरों में 1% कटौती की जरूरत: पनगढ़िया
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वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए नीतिगत दरों में 1% कटौती की जरूरत: पनगढ़िया

मुद्रास्फीति के नियंत्रण में आने के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को नीतिगत दरों में एक प्रतिशत कटौती की वकालत की। उन्होंने कहा कि ‘इस लीवर’ का इस्तेमाल वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए किया जा सकता है। पनगढ़िया ने कहा, ‘ मेरा मानना है कि ब्याज दरों में कटौती जरूरी है। मैं कहूंगा कि अगले दौर में आधा से एक प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए।’

वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए नीतिगत दरों में 1% कटौती की जरूरत: पनगढ़िया

नई दिल्ली: मुद्रास्फीति के नियंत्रण में आने के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को नीतिगत दरों में एक प्रतिशत कटौती की वकालत की। उन्होंने कहा कि ‘इस लीवर’ का इस्तेमाल वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए किया जा सकता है। पनगढ़िया ने कहा, ‘ मेरा मानना है कि ब्याज दरों में कटौती जरूरी है। मैं कहूंगा कि अगले दौर में आधा से एक प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए।’

 

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 10 से 3.5 प्रतिशत पर आ गई है जबकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि  ‘मुद्रास्फीति साढ़े छह प्रतिशत घटी है। मुझे लगता है कि अर्थव्यवस्था में इस समय ब्याज दरों में कटौती को लीवर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक के गवर्नर ब्याज दरों को ऊंचा रखने में गलती कर रहे हैं, पनगढ़िया ने कहा, ‘यह किसी को सही या गलत साबित करने की बात नहीं है। मैं उनके फैसले पर भरोसा करता हूं। वह नीति आयोग में बैठे लोगों की तुलना में मुद्रास्फीति को लेकर अधिक चिंतित हैं।’ 

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