Tariff War Impact on India: अमेरिका ने चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया पर ज्यादा टैरिफ लगाया है. ये देश निर्यात के मामले में भारत के साथ कम्पटीशन करते हैं. इससे भारतीय निर्यातकों को फायदा होगा. भारत की तरफ से बातचीता का पहला कदम उठाने से फायदा मिलेगा.
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Donald Trump Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर पलटवार करते हुए 104 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का ऐलान किय है. उनके इस ऐलान के बाद दुनियाभर के शेयर बाजार सहम गए हैं. आर्थिक मोर्चे पर निवेशकों के बीच तनाव है. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि दुनिया के बाकी प्रमुख देशों पर ट्रंप के टैरिफ का जितना गहरा असर हुआ है उतना असर भारत पर नहीं हो रहा. ट्रंप ने अमेरिका को होने वाले भारतीय निर्यात पर सभी देशों पर लागू 10% के बेसिक चार्ज के अलावा 26% का सीधा टैरिफ लगाया है. उन्होंने इसे 9 अप्रैल से लागू करने की बात कही है. जानकारों को डर है कि सबसे बुरा असर इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण जैसे सेक्टर पर पड़ेगा. लेकिन उनका मानना है कि यह असर कम समय के लिए ही रहेगा.
भारत के लिए फायदा?
सूत्रों के अनुसार अमेरिका ने चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश पर ज्यादा टैरिफ लगाया है. ये देश निर्यात के मामले में भारत के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. इससे भारतीय निर्यातकों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि भारत को पहला कदम उठाने से फायदा मिलेगा, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की थी. दुनिया के लिए एक बड़ा उत्पादन केंद्र चीन ने ट्रंप के टैरिफ का जवाब अमेरिका पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाकर दिया है. इसके बाद अमेरिका ने 104 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की बात कही है. लेकिन भारत की तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया.
सात देशों के साथ FTA की बातचीत चल रही
जानकारों का यह भी कहना है कि जनवरी में ट्रंप के पद संभालने के बाद अमेरिका ने टैरिफ पर बातचीत के लिए अपने अधिकारियों को केवल भारत ही भेजा गया था. कॉमर्स मिनिस्ट्री के अनुसार भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को तेजी से आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. यह कदम दोनों के लिए फायदेमंद रहेगा और इसमें सप्लाई चेन को मजबूत करने सहित कई मुद्दे शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार भारत सात देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है.
भारतीय निर्यातकों के लिए चिंता नहीं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की रिपोर्ट के अनुसार 2005 और 2023 के बीच ग्लोबल निर्यात में देश की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है. 2023 में यह 2.4 प्रतिशत थी. वस्तुओं के निर्यात की हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत और सर्विस के निर्यात की हिस्सेदारी 4.3 प्रतिशत थी. पीएचडीसीसीआई के सीईओ रंजीत मेहता ने कहा अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है. उनकी तरफ से लगाए गए टैरिफ का हमारे निर्यातकों पर तुरंत असर होगा. लेकिन ग्लोबल निर्यात में देश की हिस्सेदारी बहुत बड़ी नहीं है. इसलिए इसका लंबे समय में हम पर ज्यादा असर नहीं होगा. मेहता ने कहा कि टैरिफ भारतीय निर्यातकों को अपना दायरा बढ़ाने का मौका देंगे.
दुनिया के दूसरे देशों में ट्रंप के टैरिफ का जितना असर हुआ है उतना भारत में नहीं हो रहा है. भारत में मुख्य रूप से महंगाई, चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार क्षेत्र का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मंदी से बचने और बिजनेस बढ़ाने के लिए भारत को नए बाजार की भी तलाश तेज करनी होगी. महंगाई, रोजगार, विदेशी मुद्रा के दाम और आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है. टेक्सटाइल, फार्मा और गहनों के कारोबार काफी हद तक अमेरिकी निर्यात पर ही निर्भर हैं. सबसे पहले इन पर ही असर दिखाई दे सकता है.
भारत के लिए यह एक इस मामले में भी खास मौका होगा कि जो निवेश अभी चीन, ताइवान या वियतनाम जैसे देशों में जा रहा था. वह अब भारत की तरफ आ सकता है. नई व्यवस्था के तहत भारत न केवल अमेरिका बल्कि दूसरे देशों के साथ बेहतर व्यापारिक रिश्ते बना सकता है.