वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू : कंपनियों ने की बड़े निवेश की घोषणा
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वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू : कंपनियों ने की बड़े निवेश की घोषणा

भारत और दुनिया के बड़े औद्योगिक समूह ने यहां रविवार को शुरू हुए दो दिवसीय वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भारी निवेश तथा रोजगार सृजन की योजनाओं की घोषणा की। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा संयुक्तराष्ट्र महासचिव बानकी मून, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी तथा अन्य वैश्विक नेताओं ने भाग लिया।

 वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू : कंपनियों ने की बड़े निवेश की घोषणा

गांधीनगर : भारत और दुनिया के बड़े औद्योगिक समूह ने यहां रविवार को शुरू हुए दो दिवसीय वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भारी निवेश तथा रोजगार सृजन की योजनाओं की घोषणा की। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा संयुक्तराष्ट्र महासचिव बानकी मून, अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी तथा अन्य वैश्विक नेताओं ने भाग लिया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा कि उनका समूह अगले एक से डेढ़ साल में एक लाख करोड़ रुपए निवेश करेगा वहीं आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मुंगलम बिड़ला ने राज्य में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की।

विदेशी कंपनियों में आस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैम वाल्श ने कहा कि समूह गुजरात में हीरे तराशने के क्षेत्र में 30,000 रोजगार का सृजन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक बेहतर कारोबारी गंतव्य के रूप में राज्य के प्रति आस्ट्रेलिया का नजरिया सकारात्मक है।

वायब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन (वीजीएस) दो वर्ष पर होने वाला वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन है। यह 2003 से हो रहा है। उस समय मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे और हमेशा देखा गया है। इस सम्मेलन में भारत और दुनिया के दिग्गज उद्योगपति और कारोबारी अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं करते रहे हैं।

इस सातवें वायबेंट्र गुजरात शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत में स्वस्थ और समावेशी वृद्धि के लिये कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा अनिश्चितता को सबसे बड़ी चिंता बताया। मोदी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देश भारत के साथ काम करने के लिये आगे आ रहे हैं और भारत भी गरीबी से लेकर पारिस्थतिकी से जुड़े मुद्दों पर वैश्विक नेतृत्व के साथ मिल कर काम करना चाहता है।

वाइब्रेंट गुजरात समिट-2015 के पहले दिन दुनियाभर से आए नेताओं एवं विशेषज्ञों ने देश में व्यापक सुधारों की भी वकालत की। विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा कि भारत में समावेशी विकास के लिए कर एवं सब्सिडी सुधार आवश्यक हैं।

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष व मास्टरकार्ड के सीईओ अजयपाल सिंह बंगा ने कहा कि अमेरिकी निवेशक भारत आना चाहते हैं और क्या किया जा सकता है व वे क्या करने में सक्षम है, इसके बीच के अंतर को पाटने के लिए वह यहां आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘दुनिया फिर से उठ खड़े हो रहे भारत के वादों को लेकर जागरूक हो रही है।’ जापानी वाहन कंपनी सुजुकी कारपोरेशन के चेयरमैन ओसामू सुजुकी ने कहा कि गुजरात ढांचागत सुविधाओं एवं प्रशासन के लिहाज से बेहतर है और वह ‘भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी एक आर्थिक पहचान बनाते हुए’ देख रहे हैं।

गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य एक वैश्विक कारोबार केंद्र बन गया है और इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन से हर कोई लाभान्वित होगा। भारतीय उद्योगपतियों में मुकेश अंबानी ने दुनियाभर की कंपनियों को राज्य में निवेश का न्यौता दिया, जबकि बिड़ला ने कहा, ‘गुजरात के प्रति हमारा खास लगाव है और हमारी महत्वाकांक्षाएं इसी राज्य में पैदा हुई हैं।’

सिंगापुर के मंत्री एस. ईश्वरन ने कहा, ‘सिंगापुर की कंपनियों का गुजरात में बड़े व्यावसायिक हित हैं।’ वहीं ब्रिटेन के व्यापार एवं विकास मंत्री लार्ड लिविंग्सटन ने कहा कि उनका देश कुछ ही सप्ताह में गुजरात में एक नया उप उच्चायोग कार्यालय खोलेगा।

नीदरलैंड के विदेश व्यापार मंत्री सिमोन स्मिथ ने कहा कि भारत को न केवल ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बल्कि ‘भारत में अनुसंधान एवं डिजाइन’ पर भी ध्यान देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने अक्षय उर्जा का अधिक इस्तेमाल करने के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी ने कहा कि ‘वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे- ‘सबका साथ, सबका विकास’ से अत्यधिक प्रभावित हैं।’

मकदूनिया के प्रधानमंत्री निकोला ग्रुएवस्की ने देश के लिए गठबंधन व पारस्परिक आर्थिक सशक्तिकरण की इच्छा जताई।

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