मोदी ने अपने संबोधन में संरक्षणवाद को ‘आतंकवाद की तरह ही खतरनाक’ बताया था. इसके साथ ही चीन ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है.
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बीजिंग: चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस में मंगलवार (23 जनवरी) को दिए गए भाषण का स्वागत किया है. मोदी ने अपने संबोधन में संरक्षणवाद को ‘आतंकवाद की तरह ही खतरनाक’ बताया था. इसके साथ ही चीन ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. मोदी ने अपने संबोधन में दुनिया के समक्ष आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर चिंता जताई थी. वह दो दशक में दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कई देश आत्मकेंद्रित बन रहे हैं और वैश्वीकरण सिकुड़ रहा है. इस तरह का रुख आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से कम खतरनाक नहीं है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवा चुनयिंग ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संरक्षणवाद के खिलाफ बोला है जिससे पता चलता है कि वैश्वीकरण समय का रुख है और यह सभी देशों के हितों को पूरा करता है और संरक्षणवाद के खिलाफ लड़ने तथा वैश्वीकरण का समर्थन करने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा कि चीन वैश्वीकरण की प्रकिया को और मजबूत करने के लिए भारत और अन्य देशों के साथ काम करना चाहता है. चीन के इस हैरान करने वाले बयान से पहले आधिकारिक मीडिया ने भी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में मोदी के संबोधन की सराहना की थी. ग्लोबल टाइम्स ने मोदी के संबोधन की तस्वीर पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, बाजारों के सही तरीके से काम करने के लिए संरक्षणवाद जरूरी
वहीं दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने जोर दिया है कि बाजारों के सही तरीके से काम करने के लिए संरक्षणवाद जरूरी है. हालांकि, अधिकारियों ने राष्ट्रपति के संबोधन पर कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि वह खुद अपने भाषणों में बदलाव करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के कई नेता यहां संरक्षणवाद को समाप्त करने पर बोल चुके हैं. ट्रंप का संबोधन शुक्रवार (26 जनवरी) को होना है और सभी को उसका इंतजार है.
दावोस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने कहा कि इस साल दावोस में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के आकार से ट्रंप द्वारा पिछले साल के दौरान किए गए कार्य का पता चलता है. वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने अमेरिकी में कॉर्पोरेट कर की दरों को कम करने की आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए कहा कि कर में कमी से व्यापार बाधित होता है, यह सिर्फ भ्रांति है. रॉस ने कहा कि अमेरिका पहले गैर प्रतिस्पर्धी मॉडल था. अब यह काफी प्रतिस्पर्धी हो चुका है.
(इनपुट एजेंसी से भी)