2019 में इतने सौ टन सोने का हो सकता है आयात, धनवान करेंगे ज्यादा निवेश
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2019 में इतने सौ टन सोने का हो सकता है आयात, धनवान करेंगे ज्यादा निवेश

भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है. साल की दूसरी तिमाही में शादी का सीजन और अक्षय तृतीया का त्योहार होने के कारण सोने की मांग बढ़ सकती है.

पहली तिमाही में भारत में सोने की निवेश मांग जहां 32.3 टन थी. (फाइल)

मुंबई: बाजार में सकारात्मक धारणा को देखते हुए देश के करीब 14 प्रतिशत अति संपन्न वर्ग की इस साल सोना और इससे जुड़ी संपत्तियों में निवेश बढ़ाने की योजना है. नाइट फ्रैंक की ओर से किये गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक यह पिछले साल के मुकाबले तीन प्रतिशत ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के अत्यंत धनी वर्ग ने सोने में चार प्रतिशत के निवेश की योजना बनायी है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसतन दो प्रतिशत और एशिया में तीन प्रतिशत है. नाइट फ्रैंक ने भारत के अत्यंत धनवान वर्ग की स्वर्ण में निवेश धारणा के आकलन के लिए यह सर्वेक्षण किया था. यह सर्वेक्षण 600 निजी बैंकरों एवं धन को लेकर सलाह देने वालों की प्रतिक्रिया पर आधारित है.

एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सोने का प्रमुख आयातक देश भारत में इस साल सोने की मांग 750-850 टन के करीब रह सकता है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है. डब्ल्यूजीसी के अनुसार, साल की दूसरी तिमाही में शादी का सीजन और अक्षय तृतीया का त्योहार होने के कारण सोने की मांग बढ़ सकती है. भारत में धनतेरस के बाद सबसे ज्यादा सोने की खरीदारी अक्षय तृतीया पर होती है. देश में सोने की खरीदारी के लिए दोनों पर्वो को शुभ माना जाता है. इसके अलावा फसलों की कीमतों में इजाफा होने से भी सोने की मांग बढ़ेगी.

सोने की मांग चालू तिमाही में थोड़ी घट सकती है
डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) द्वारा मॉनसून के पूर्वानुमान से देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी जिससे सोने की मांग पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा. डब्ल्यूजीसी ने कहा कि हालांकि इस समय देश में जारी आम चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा 50,000 रुपये से ज्यादा की नकदी साथ में ले जाने पर रोक लगाने से सोने की मांग चालू तिमाही में थोड़ी घट सकती है.

भारत में जनवरी से लेकर मार्च तक सोने की मांग 159 टन रही
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस साल के शुरुआती तीन महीने के दौरान सोने की मांग में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले पांच फीसदी का इजाफा हुआ. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने कहा कि भारत में जनवरी से लेकर मार्च तक सोने की मांग 159 टन रही, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 151.5 टन से पांच फीसदी अधिक है. हालांकि सोने के मूल्य के रूप में इस साल की पहली तिमाही में 13 फीसदी का इजाफा हुआ. पिछले साल जहां शुरुआती तिमाही में 41,680 करोड़ रुपये के सोने की मांग दर्ज की गई थी, वहां इस साल पहली तिमाही में 47,010 करोड़ रुपये के सोने की मांग रही. 

सोने की जेवराती मांग 2018 की पहली तिमाही में जहां 119.2 टन थी
भारत में सोने की मांग मुख्य रूप से आभूषण के लिए ज्यादा देखने को मिलती है. डब्ल्यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार, सोने की जेवराती मांग 2018 की पहली तिमाही में जहां 119.2 टन थी वहां इस साल 125.4 टन रही. इस प्रकार जेवराती मांग में भी पांच फीसदी की वृद्धि हुई. आलोच्य अवधि में देश में सोने की निवेश मांग में चार फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले साल की पहली तिमाही में भारत में सोने की निवेश मांग जहां 32.3 टन थी वहां इस साल 33.6 टन रही है. 

रुपया मजबूत होने से सोने की मांग तेज हुई है
डब्ल्यूजीसी के अनुसार, 2019 के दौरान भारत में सोने की मांग 750-850 टन के करीब रहने का अनुमान है. डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीती तिमाही के आखिर में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव में रही नरमी से भारत में सोने की मांग में वृद्धि देखी गई.

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