सिर्फ SIP का अधूरा ज्ञान नहीं, निवेश से पहले SWP, STP को भी समझना है जरूरी
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सिर्फ SIP का अधूरा ज्ञान नहीं, निवेश से पहले SWP, STP को भी समझना है जरूरी

SIP, STP और SWP, अक्सर आपने ये नाम म्यूचुअल फंड (mutual fund) निवेश के जिक्र के दौरान सुना या पढ़ा होगा, ज्यादातर लोग सिर्फ SIP को जानकर ये मान लेते हैं कि उनके निवेश का ज्ञान पूरा हुआ. जबकि उन्हें STP और SWP के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: SIP, STP और SWP, अक्सर आपने ये नाम म्यूचुअल फंड (mutual fund) निवेश के जिक्र के दौरान सुना या पढ़ा होगा, ज्यादातर लोग सिर्फ SIP को जानकर ये मान लेते हैं कि उनके निवेश का ज्ञान पूरा हुआ. जबकि उन्हें STP और SWP के बारे में जानना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि SIP का पूरा फायदा आप तभी उठा सकते हैं जब आपको SWP, STP के बार में भी पता हो. तो चलिए आपको बेहद आसान सी भाषा में समझाते हैं क्या है SIP, SWP और STP. इनका इस्तेमाल आप कब और कैसे करते हैं?   

  1. SIP, STP, SWP में क्या अंतर है?
  2. STP, SWP का इस्तेमाल कब करते हैं?
  3. SIP में निवेश क्यों है जरूरी?  
  4.  

SIP क्या होता है? 
एक तय अमाउंट जब आप किसी म्यूचुअल फंड में एक निश्चित अंतराल पर (हर महीने/तिमाही) जमा करते हैं, तो इसे SIP (Systematic Investment) कहते हैं. आप 500 रुपये से SIP की शुरुआत कर सकते हैं. SIP निवेश का वो हथियार है जो मार्केट की उठा-पटक से आपके निवेश को काफी हद तक सुरक्षित रखता है. अगर आपको शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं है या फिर मार्केट को ट्रैक करने का वक्त नहीं है तो SIP निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है. 

SIP का मकसद अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए होता है, मसलन अगर आपको घर लेना है, कार लेनी है या फिर बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठा करने हैं. तो SIP आपके लिए निवेश का सबसे उम्दा विकल्प हो सकता है. SIP की सबसे खास बात ये होती है कि इसमें आपको कंपाउंडिंग बेनेफिट मिलते हैं, यानि जितने लंबे समय तक आप निवेश करते हैं, उतना ज्यादा पैसा आप बना पाते हैं. 

इसलिए सभी एक्सपर्ट्स भी यही सलाह देते हैं कि आप जितनी जल्दी हो सके SIP की शुरुआत कर दें. इसके लिए जरूरी नहीं कि आपके पास बहुत पैसा हो तभी आप निवेश करें, 500 रुपये से आप इसमें निवेश शुरू कर सकते हैं, फिर धीरे धीरे इनकम बढ़ने के साथ ही SIP को भी बढ़ाया जा सकता है. 

STP क्या होता है? 
STP का मतलब होता है Systematic Transfer Plan. अगर आपके पास एकमुश्त बहुत सारा पैसा आ जाता है, और आप एक साथ इस पैसे को मार्केट में नहीं लगाना चाहते, क्योंकि इसमें रिस्क है. तो फिर STP आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इसमें आपको किसी फंड हाउस के लिक्विड फंड या डेट फंड में सारा पैसा एकमुश्त रखना होता है. इसके बाद यही पैसा उसी फंड हाउस के इक्विटी फंड में एक नियमित अंतराल पर STP के जरिए ट्रांसफर होता रहता है. 

मिनिमम STP की राशि उस फंड स्कीम और फंड पर निर्भर करती है. STP के जरिए आप अपने पैसे को कई स्कीम में बांट देते हैं. इससे दो फायदे होते हैं, पहला ये कि इक्विटी फंड में निवेश किए जा रहे पैसे पर अच्छा रिटर्न मिलता है, दूसरा डेट फंड में रखा हुआ आपका एकमुश्त पैसा सुरक्षित भी रहता है. 

STP को इक्विटी से डेट में भी किया जा सकता है. ऐसा तब करना चाहिए जब आप अपने लक्ष्य के बेहद करीब हों. इससे आपके निवेश पर रिस्क कम हो जाता है. इसलिए धीरे धीरे अपना निवेश इक्विटी से डेट की ओर लेकर जाना चाहिए.

SWP क्या होता है?
SWP का मतलब होता है Systematic Withdrawal Plan. जैसा कि नाम से ही जाहिर है, SIP के ठीक उलट है SWP. इसमें आप अपने फंड अकाउंट से एक तय रकम एक निश्चित अंतराल पर निकालते हैं. आप इसे तब शुरू कर सकते हैं जब आपके म्यूचुअल फंड अकाउंट में कम से कम 25,000 रुपये हों. आप पहले एकमुश्त रकम किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में डालते हैं, फिर निकासी (SWP) करते हैं. आप ये निकासी मासिक या तिमाही तौर पर कर सकते हैं. 

आमतौर पर (SWP) का इस्तेमाल रिटायरमेंट के वक्त किया जाता है. ये एक तरह का खुद के लिए तैयार किया गया पेंशन है. लेकिन आप इसका इस्तेमाल तब भी कर सकते हैं, जब आपके पास कमाई का कोई दूसरा जरिया नहीं हो. जैसा कि कोरोना संकट के समय कई लोगों के साथ ऐसा हुआ है. 

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