अच्‍छी ग्रोथ के बाद भी क्‍यों डूब गए 5.6 करोड़ रुपये? ये हैं इसकी 5 प्रमुख वजह
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अच्‍छी ग्रोथ के बाद भी क्‍यों डूब गए 5.6 करोड़ रुपये? ये हैं इसकी 5 प्रमुख वजह

देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2% पर है, जो दो साल में सबसे अधिक है. इसके बाद भी शेयर बाजारों में लगातार दो हफ्ते से गिरावट जारी है.

शेयर बाजार पर भारत सरकार की देनदारी बढ़ने का भी असर हुआ है. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2% पर है, जो दो साल में सबसे अधिक है. इसके बाद भी शेयर बाजारों में लगातार दो हफ्ते से गिरावट जारी है. शुक्रवार को चौथे दिन गिरावट से निवेशकों की बाजार हैसियत 5.6 लाख करोड़ रुपये नीचे आ गई. कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,100 से अधिक अंक नीचे चला गया था. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुक्रवार को कारोबार के दौरान 1,127.58 अंक या 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,993.64 तक चला गया. हालांकि कुछ ही मिनटों में इसमें सुधार आया. बाजार में तीव्र उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स अंत में 279.62 अंक या 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,841.60 अंक पर बंद हुआ. कुल मिलाकर पिछले 4 दिन में सेंसेक्स 1,249.04 अंक टूटा है. इस गिरावट के पीछे क्‍या कारण है:

1-रुपए का लगातार गिरना
डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट जारी है. इससे भारत का चालू खाता घाटा (CAD) जीडीपी का 2.5 से 2.8% तक रह सकता है. इसकी वजह तेल कीमतों में भारी उछाल है. कमजोर धारणा के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,66,187.15 करोड़ रुपये घटकर 1,50,70,832 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

2-तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कच्‍चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. इससे रुपए और बांड की स्थिति बिगड़ी है. देश में 70% तेल का आयात होता है. इसका भुगतान डॉलर में होता है. डॉलर के चढ़ने से आयात महंगा हो रहा है. इस कारण ही देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. इससे लोगों को महंगाई बढ़ने की आशंका सता रही है.

3-सरकार की देनदारी बढ़ना
शेयर बाजार पर भारत सरकार की देनदारी बढ़ने का भी असर हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की मार्च 2018 तक कुल देनदारी 77.98 लाख करोड़ थी जो जून तक बढ़कर 79.8 लाख करोड़ हो गई है. इसका बाजार पर नकारात्‍मक असर पड़ा है.

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4-ट्रेड वार से विदेशी निवेशक भागे
अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार से विदेशी निवेशक शेयर बाजार से लगातार भाग रहे हैं. विकासशील अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर उनका भरोसा कम हो गया है. दूसरे, डॉलर मजबूत होने की स्थिति में उन्‍होंने अपना निवेश निकालना शुरू कर दिया है. साथ ही पौंड और यूरो भी मजबूत हुए हैं.
 
5-रियल एस्‍टेट क्षेत्र के शेयरों का पिटना
रियल एस्‍टेट क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट देखी जा रही है. डीएचएफएल के शेयर करीब 50% तक टूट गए हैं. इसके बाद बाजार में बिकवाली बढ़ गई. इसका असर सबसे ज्यादा रियल एस्‍टेट क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में दिखा. इसका असर अन्य रिएलिटी कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा. इंडियाबुल्स के शेयर 30% तक नीचे आए. गृह फाइनेंस 15%, एलआईसी फाइनेंस लिमिटेड 15% और एलएंडटी हाउसिंग फाइनेंस लिमिलटेड के शेयर 12% तक गिरे.

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