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नई दिल्ली : थोक मुद्रास्फीति के पांच साल के निचले स्तर पर आने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मूल्य के मोर्चे पर स्थिति में और सुधार लाने में मदद मिलेगी।
जेटली ने शुक्रवा को संवाददाताओं से कहा, हमारा मानना है कि कीमतों में कमी आना हमारे हित में है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने से खाद्य वस्तुओं के दाम निचले स्तर पर बने रहेंगे। हालांकि, वित्त मंत्री ने आगाह किया कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आगे चलकर तेल कीमतों में क्या रख रहता है। इस बारे हमें खुलकर उम्मीद नहीं प्रकट कर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम चार साल के निचले स्तर 77 डालर प्रति बैरल पर आ गए हैं। अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर पांच साल के निचले स्तर 1.77 प्रतिशत पर आ गई है। सितंबर में यह 2.38 प्रतिशत पर थी। खाद्य वस्तुओं व ईंधन की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति नीचे आई है।
जेटली ने औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यदि यह कुछ बेहतर होती तो मुझे खुशी होती। सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर ढाई प्रतिशत रही है जो इसका तीन माह का उच्च स्तर है।