नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में जब पूरा देश लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में कैद था, दुकान से लेकर मकान सबकुछ बंद थे, सिर्फ एक चीज थी जो चल रही थी, वो है शेयर मार्केट. कोरोना संकट काल में लाखों लोगों की नौकरियां गईं, तो किसी की सैलरी कटी, लेकिन घर के खर्चों में कटौती नहीं हुई. इस कोरोना संकट काल के दौरान जब कमाई के सारे रास्ते बंद हो गए, तब बड़ी तादाद में महिलाओं ने घर के खर्चों का बीड़ा उठाया और आ गईं दो-दो हाथ करने शेयर बाजार में. 

 

कई ब्रोकिंग फर्म्स के साथ की गई एक रिसर्च में ये सामने आया है कि कोरोना काल में जब बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट रेट घटने लगे तो महिलाओं को अब दूसरे विकल्पों की तलाश शुरू हो गई. सबसे दिलचस्प बात ये है कि जितनी भी महिलाएं शेयर बाजार में इस दौरान आईं, उनमें से ज्यादातर ने पहली बार शेयर मार्केट में निवेश किया है और उनमें से भी ज्यादातर हाउस वाइफ हैं. 

 

Sharekhan

Sharekhan के डायरेक्टर शंकर वैलया के मुताबिक 'लॉकडाउन के दौरान रीटेल भागीदारी बढ़ी है, इसमें महिलाएं भी हैं. महिलाएं अब गिरते FD रेट्स का विकल्प ढूंढ रही हैं. डिजिटल सॉल्यूशंस के जरिए कैपिटल मार्केट की अपनी समझ को बढ़ाने में लॉकडाउन ने उत्प्रेरक का काम किया है.'

 

Upstox 

ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउस Upstox का कहना है कि अप्रैल से जून 2020 के दौरान महिलाओं के खातों में 32 परसेंट की बढ़ोतरी देखी गई. अगर इसकी तुलना बीते 3 महीनों से की जाए तो इसमें से 70 परसेंट महिलाएं पहली बार बाजार में निवेश कर रही हैं. इसमें भी 35 परसेंट से ज्यादा घरेलू औरतें हैं. 

 

Upstox के को-फाउंडर रवि कुमार का कहना है कि 'सैलरी में कटौती और छंटनी के चलते घर के खर्चों में हाथ बंटाने के लिए ज्यादातर औरतें ट्रेडिंग में आईं.' उन्होंने कहा कि 'सोने की बढ़ती कीमतों, फिक्स्ड डिपॉजिट की घटती ब्याज दरों और रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट के कम होते रिटर्न ने महिलाओं को फिजिकल सेविंग से फाइनेंशियल असेट्स की ओर मोड़ा है.' 

 

Upstox के मुताबिक 'करीब 74 परसेंट फीमेल कस्टमर टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं. इसमें विशाखापत्तनम, जयपुर, सूरत, नागपुर, नासिक, गुंटूर शामिल हैं. कुल महिला कस्टरमर्स में से, 55 परसेंट ट्रेडर्स हैं, 45 परसेंट इनवेस्टर हैं' 

पिछले तीन महीनों से तुलना करें तो अप्रैल से जून 2020 के दौरान फीमेल कस्टमर्स में 53 परसेंट का उछाल देखा गया है. 

 

Zerodha और True Beacon 

Zerodha and True Beacon के को-फाउंडर निखिल कामत का कहना है कि 'उन्होंने 1 मार्च 2020 से अबत क11 लाख क्लाइंट्स जोड़े हैं. इसमें से 1.8 लाख महिलाएं हैं. इन महिलाओं की औसत उम्र 33 साल है. इसी तरह FYERS के CEO तेजस खोड़े ने बताया कि बीते चार महीनों के दौरान 20,000 नए कस्टमर जोड़े हैं, जिसमें से 10 परसेंट महिला ट्रेडर्स हैं. लेकिन कुल ऑनलाइन ट्रैफिक में 15-20 परसेंट महिला ट्रेडर्स हैं. इसमें भी ज्यादातर ऐसी हैं जिनमें ट्रेडिंग से ज्यादा निवेश का रूझान दिखा है.' 

 


 

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