UPSC Success Story: भारत में हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही उम्मीदवार आईएएस व आईपीएस बन पाते हैं. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा इतनी कठिन है कि लाखों उम्मीदवार इसके लिए सालों साल तैयारी करते हैं और कोचिंग भी लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे इस परीक्षा को पास करने में असफल रहते हैं. हालांकि, कुछ उम्मीदवार इसी परीक्षा की ऐसे तैयारी करते हैं कि अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बन जाते हैं. लेकिन आज हम आपको उन चार भाई-बहनों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास कर आईएएस व आईपीएस का पद हासिल किया है. 


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दो कमरों के मकान में रहकर की तैयारी
दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिलें के रहने वाले मिश्रा परिवार की, जहां एक ही घर के चारों भाई-बहनों ने यूपीएससी क्रैक कर आईएएस व आईपीएस का पद हासिल कर लिया है. अनिल मिश्रा अपनी पत्नी और चारों बच्चों के साथ दो कमरों के मकान में रहा करते थे. उनके दो बेटे और दे बेटियां हैं, जिनका नाम योगेश, माधवी, लोकेश और क्षमा है.  


पिता ने बच्चों की पढ़ाई में नहीं की कोई कमीं
पिता अनिल मिश्रा का सपना था कि उनके बच्चे सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचे, इसलिए उन्होंने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कोताही नहीं बरती. इसलिए उनके बच्चों ने भी पिता के सपने को सच कर दिखाया.


बड़े भाई-बहन बनें IAS
सबसे पहले यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला सबसे बड़े भाई योगेश मिश्रा ने लिया. उन्होंने 2013 में यह परीक्षा दी, जिसके बाद वह एग्जामिनेशन की रिजर्व लिस्ट के तहत चुने गए और उन्हें आईएएस का पद सौंपा गया. भाई की सफलता के बाद बहन माधवी ने भी इस परीक्षा की तैयारी की और अगले साल 2014 ही 62वीं रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर बन गईं.       


छोटे भाई ने हासिल की 44वीं रैंक
माधवी के साथ ही छोटे भाई लोकेश ने भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपना हाथ आजमाया और रिजर्व लिस्ट में अपनी जगह भी बना डाली. लेकिन उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का मन बनाया और अगले ही साल 2015 में ऑल इंडिया 44वीं रैंक हासिल कर IAS ऑफिसर बन गए.


छोटी बहन ने सिविल सेवा में जाने का किया फैसला
अब जब घर में तीनों भाई-बहन IAS हों, तो सबसे छोटी बहन क्षमा कहां चुप बैठने वाली थी. उन्होंने भी भाई लोकेश के साथ साल 2015 में अपना पहला अटेंप्ट दिया और 172वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद उनका सेलेक्शन डिप्टी एसपी के तौर पर हुआ.


क्षमा को मिला IPS का पद
क्षमा अपना पोस्ट से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उनका सेलेक्शन IPS की पोस्ट के लिए हो गया. अब आज चारों भाई-बहन IAS-IPS बन देश की सेवा कर रहे हैं.