UGC ने दी मंजूरी, अब स्टूडेंट्स साल भर में दो बार ले सकेंगे एडमिशन
Admission: अब भारत में स्टूडेंट्स का सा खराब नहीं होगा. उनके पास साल भर में दो बार कॉलेज में एडमिशन लेने का मौका होगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस प्लान को परमिशन दे दी है. पढ़िए पूरी खबर...
UGC New Admission Policy: 12वीं पास करके कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए बड़ी राहत भरी खबर है. अब ऐसे बच्चों को पूरे एक साल का इंतजार नहीं करना पडे़गा जो नए एकेडमिक सेशन में एडमिशन नहीं ले पाते हैं. दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को रेग्यूलर मोड में साल में दो बार छात्रों को प्रवेश देने की मंजूरी दे दी है. यह योजना एकेडमिक सेशन 2024-25 से लागू कर दिया जाएगा. यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार के मुताबिक यह फैसला 5 मई को आयोजित यूजीसी की बैठक में लिया गया था.
वर्तमान में भारत में सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स एकेडमिक सेशन का पालन करते हैं, जो जुलाई-अगस्त में शुरू होकर मई-जून में कंप्लीट होता है. विश्वविद्यालय और कॉलेज हर साल जुलाई-अगस्त में छात्रों को नियमिट मोड में एडमिशन देते हैं.
वहीं, अब यूजीसी की मंजूरी के बाद भारत के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में भी साल में दो बार एडमिशन लिया जा सकेगा. जगदीश कुमार ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अब विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर साल में दो बार प्रवेश देने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि यूजीसी ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही दो एडमिशन सेशन जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी होंगे.
बच्चों का साल नहीं होगा खराब
जगदीस कुमार ने कहा, "अगर भारतीय विश्वविद्यालय साल में दो बार प्रवेश दे सकते हैं तो इससे उन छात्रों को फायदा होगा, जो बोर्ड के नतीजों के देरी से जारी होने की वजह से एडमिशन सेशन जुलाई-अगस्त में यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से चूक गए. इसके अलावा सेहत संबंधी समस्याओं या निजी कारणों से प्रवेश लेने से चूकने वाले स्टूडेंट्स का साल खराब नहीं होगा."
उन्होंने कहा, "हॉफ ईयरली एडमिशन स्टूडेंट्स में बढ़ने की प्रेरणा बनाए रखने में मदद करेगा, क्योंकि वर्तमान सेशन में प्रवेश लेने से चूक जाने पर उन्हें प्रवेश के लिए पूरा साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अर्धवार्षिक प्रवेश के साथ उद्योग भी साल में दो बार अपने कैंपस में भर्ती कर सकते हैं, जिससे ग्रेजुएट्स के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे."