UPPSC Teacher Bharti Delay: मार्कशीट में विषय का पूरा नाम न होने की वजह से इन 45 चयनित उम्मीदवारों की नौकरी पर संकट गहराता जा रहा है. अब कैंडिडेट्स उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और शिक्षा विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
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UP LT Grade Teacher Recruitment 2018 Rejected 45 Candidates: उत्तर प्रदेश की एलटी ग्रेड टीचर भर्ती-2018 में 45 कैंडिडेट्स के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है. 45 कैंडिडेट्स की ग्रेजुएशन की मार्कशीट में विषय का पूरा नाम "अंग्रेजी साहित्य" न होने के कारण इनकी नियुक्ति प्रक्रिया फंस गई है. डेढ़ साल बाद भी इनकी नियुक्ति लटकी हुई है, जिससे कैंडिडेट्स असमंजस में हैं और उनके भविष्य अधर में अटका पड़ा है. आइए जानते हैं कि आकिर क्या है पूरा मामला...
नियुक्ति प्रक्रिया में फंसा विवाद
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती-2018 के तहत अंग्रेजी विषय के चयनित उम्मीदवारों का रिकॉर्ड वेरिफिकेशन जुलाई 2023 में हुआ था. आयोग ने 79 उम्मीदवारों की नियुक्ति की संस्तुति माध्यमिक शिक्षा विभाग को भेजी थी. इसके बाद जब स्कूल अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई, तो 45 अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में बाहर हो गए. इनकी मार्कशीट में "अंग्रेजी साहित्य" के बजाय केवल "अंग्रेजी" लिखा होने की वजह से यह समस्या हुई.
क्वालिफिकेशन के नाम पर उठे सवाल
उत्तर प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में असिस्टेंट टीचर बनने के लिए ग्रेजुएशन में "इंग्लिश लिटरेचर" विषय मेंडेटरी है. हालांकि, कई विश्वविद्यालय ग्रेजुएशन की मार्कशीट में "अंग्रेजी साहित्य" के बजाय केवल "अंग्रेजी" लिखते हैं. इससे उम्मीदवारों की पात्रता को लेकर समस्या खड़ी हो गई है. 45 प्रभावित उम्मीदवारों में 27 मेल और 18 फीमेल कैंडिडेट्स शामिल हैं.
उम्मीदवारों ने आयोग को लिखा पत्र
जानकारी के मुताबिक महिला उम्मीदवारों प्रिया श्रीवास्तव और ज्योतिका मिश्रा ने आयोग के सचिव को पत्र लिखकर अपनी समस्या बताई कि कॉलेज फिलिंग पोर्टल पर रोल नंबर डालने पर 'कैंडिडेट डज नॉट एग्जिस्ट' शो हो रहा है. प्रिया और ज्योतिका ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से सर्टिफिकेट पेश किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि बीए में "अंग्रेजी" और "अंग्रेजी साहित्य" एक ही हैं और प्रिया व ज्योतिका ने अंग्रेजी साहित्य विषय की पढ़ाई की है. इसके बावजूद उन्हें आवेदन के लिए अयोग्य बताया गया.
सर्टिफिकेट से भी नहीं मिली मदद
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की छात्रा तनु चौधरी ने सर्टिफिकेट में यह दिखाया कि उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के सभी हिस्सों जैसे प्रोज, पोएट्री, फिक्शन, ड्रामा, मेजर लिटरेरी मूवमेंट, लिटरेरी फॉर्म्स की स्टडी की है. फिर भी मार्कशीट में विषय का पूरा नाम न होने के कारण उन्हें ऑनलाइन स्कूल अलॉटमेंट प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया.
प्रतियोगी छात्र मोर्चा का बयान
प्रतियोगी छात्र मोर्चा ने इन उम्मीदवारों के हक के लिए लड़ने का संकल्प लिया है. इस संगठन के अध्यक्ष विक्की खान ने कहा कि जब विश्वविद्यालयों ने वेरिफाई कर दिया है कि इन उम्मीदवारों ने अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की है, तो उनकी नियुक्ति रोकी जाना अन्यायपूर्ण है. उन्होंने आयोग और माध्यमिक शिक्षा विभाग से अपील की है कि जल्द से जल्द इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए.
एसटी उम्मीदवारों की फाइलें भी लंबित
अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी बाधा आ रही है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इनके प्रमाणपत्र जिलों के डीएम के माध्यम से वेरिफाई कराए जाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी 17 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट्स वेरिफाई नहीं हो सके हैं.