Lok Sabha Speaker Salary: पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सहमति बनाते थे. ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब इस पद के लिए वोटिंग होगी,  एनडीए और इंडिया गठबंधन में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. एनडीए ने एक बार फिर ओम बिरला को मेदान में उतारा है. वहीं इंडिया गठबंधन में कांग्रेस सासंद के सुरेश का नाम दिया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस पद पर चयनित उम्मीदवार को कितना वेतन मिलता है? आइए जानते हैं स्पीकर का क्या काम होता है और उन्हें  क्या-क्या सुविधाएं दी जाती है. 


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लोकसभा सेशन शुरू होने के बाद पहला काम स्पीकर चुनने का होता है. अब तक सर्वसम्मति से चुने जाने वाले स्पीकर पद के लिए यह पहला चुनाव होगा. आर्टिकल 93 के मुताबिक स्पीकर का चुनाव होता है और सत्र शुरू होने के बाद जितनी जल्दी हो सके अध्यक्ष का चुनाव किया जाना चहिए. 


लोकसभा स्पीकर की सैलरी
यह पद बेहद अहम है, जो मंत्री और सांसदों से भी ज्यादा पावरफुल होता है. 1954 के एक्ट के अनुसार लोकसभा स्पीकर को सैलरी के साथ-साथ भत्ते और पेंशन भी दी जाती है. इस एक्ट में साल दिसंबर 2010 में अमेंडमेंट किया गया था. संशोधित संसद अधिनियम 1954 के अनुसार लोकसभा स्पीकर को बतौर सांसद 1 लाख रुपये और 70,000 रुपये महीने का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मिलता है. स्पीकर को उनके पूरे कार्यकाल के दौरान संसदीय सत्रों या समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए 2,000 रुपये दैनिक और 2000 रुपये आतिथ्य भत्ता भी दिया जाता है. 


मंथली पेंशन
लोकसभा स्पीकर भी संसद का सदस्य होता है. उन्हें कार्यकाल पूरा करने पर संसद विधेयक 2010 के अनुसार 20,000 की रुपये मंथली पेंशन मिलती है. इसके अलावा 1,500 का अतिरिक्त भत्ता भी मिलता है.


ये मिलती हैं सुविधाएं
स्पीकर को कैबिनेट मंत्रियों के समान ही सुविधाएं दी जाती हैं. 
स्पीकर को अपने और परिवार के सदस्यों के लिए घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा भत्ता मिलता है, जिसमें फ्री आवास, परिवहन और बोर्डिंग सेवाएं शामिल हैं.
पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले में रहने की सुविधा मिलती है. 
स्पीकर और उनके परिवार को फ्री हेल्थ सर्विसेस मिलती हैं.
कार्यकाल के दौरान एक निश्चित सीमा तक फ्री बिजली, फोन कॉल, नौकर, कर्मचारी की सुविधाएं भारत सरकार की ओर से दी जाती है.