IAS Success Story: आईएएस अनन्या बताती है कि उन्होंने प्लानिंग के साथ सिविल परीक्षा की तैयारी की थी. इसी का नतीता है कि उन्हें ऑल इंडिया 51वीं रैंक मिली. उन्होंने बताया अपनी सफलता का राज
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IAS Motivational Story: संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा कई परीक्षा कराई जाती हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा कठिन सिविल सर्विस परीक्षा को माना जाता है. इस परीक्षा के लिए लाखों उम्मीदवार तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही लोगों को मिलती है. कई लोगों को आखिरी अटेम्प्ट में जाकर सक्सेस मिलती है तो कोई पहली-दूसरी बार में ही सभी राउंड पूरे कर लेता है. इस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार भी सोचते हैं कि हम भी पूरी तरीके से पढ़ाई में लगे हुए हैं, लेकिन हमें सफलता क्यों नहीं मिलती है. ये लोग कैसे पहली बार में एग्जाम क्रैक क देते हैं, जबकि कई लोगों को तो परीक्षा का पैटर्न समझने में ही महीनों लग जाते हैं, तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं आईएएस अनन्या सिंह के बारे में, जिन्होंने 22 साल की उम्र में इस परीक्षा को पास किया वो भी सिर्फ 1 साल की तैयारी में
बचपन का सपना था IAS बनना
उन्होंने प्लानिंग के साथ सिविल परीक्षा की तैयारी की. इसी का परिणाम था कि उनका सिलेक्शन पहले ही प्रयास में हो गया और उन्होंने ऑल इंडिया में 51वीं रैंक हासिल की. अनन्या सिंह कहती है कि मेहनत और प्लानिंग के साथ इस परीक्षा की तैयारी की जाए तो सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षा को बहुत आसानी से पास कर सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वे बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देखा करती थी. इसी वजह से उन्होंने ग्रेजुएशन के आखिरी साल में इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.
रिजल्ट आया तो चौंक गईं अनन्या
अनन्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब 2019 सिविल सर्विसेज परीक्षा का रिजल्ट आया और उनका सिलेक्शन हो गया तो वे पूरी तरह चौंक गईं क्योंकि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि वे पहली बार में सफलता हासिल कर लेंगी. इस सफलता पर उनका परिवार गौरवांवित हो उठा था.
अनन्या ने बताया अपना सक्सेस मंत्र
अनन्या कहती हैं कि सिविल सर्विस की तैयारी उम्मीदवारों को टाइम-टेबल बनाकर ही करनी चाहिए. इससे हर सब्जेक्ट के लिए टाइम दिया जा सकता है और इससे तैयारी बेहतर हो जाती है. इससे ही हम यह भी जान लेते हैं कि हमारी मजबूती और कमजोरी क्या है और फिर हम उस हिसाब से अपनी रणनीति बदल भी सकते हैं.
कैसे लिखें उत्तर
अनन्या कहती हैं कि उम्मीदवारों को पुराने पेपर ज्यादा से ज्यादा तैयार करना चाहिए. इससे कई बार कुछ प्रश्न रिपीट भी हो जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उत्तरों में इंट्रो, बॉडी, कॉन्क्लूजन फॉर्मूला लागू करते समय कॉन्क्लूजन हमेशा सॉल्यूशन के साथ देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा.
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