Indian philosophy: जब 10वीं 12वीं की पढ़ाई कर रहे होते हैं तो ज्यादातर बड़े यही कहते हैं कि ढंग से पढ़ लिख लोगे तो इंजीनियर डॉक्टर बन जाओगे. अगर किसी की इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई में कोई रुचि ही न तो वह क्या करे. मतलब किसी को धर्म की पढ़ाई में रुचि है तो वह क्या करे? तो आज हम आपको ऐसी ही खास जानकारी दे रहे हैं आपकी अगर धर्म में रुचि है तो आप इसी में अपना करियर बना सकते हैं और अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पढ़ाई करनी पड़ेगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय संस्कृति और धर्म को जानने की रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंडियन फिलॉसफी एंड रिलिजन कोर्स कर सकते हैं. यह कोर्स एक साल का है. इस कोर्स में हिंदू दर्शन, बौद्ध दर्शन और जैन दर्शन को शामिल किया गया है. इस कोर्स को करने वालों को सिंधु घाटी, हड़प्पा काल से लेकर वर्तमान तक के सभी छोटे-बड़े धर्मों के योगदान के बारे में समझाया जाता है. यहां हम आपको इसके सिलेबस, एडमिशन लेने के लिए जरूरी एलिजिबिलिटी, एडमिशन प्रोसेस समेत सभी जानकारी दे रहे हैं.


जरूरी पात्रता
इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स के पास कम से कम इस कोर्स से जुड़े विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. स्टूडेंट्स के पास ग्रेजुएशन की डिग्री में कम से कम 50 फीसदी नंबर होने ज़रूरी हैं. आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स को इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए 5 फीसदी नंबर की छूट दी जाती है.


कोर्स में एडमिशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
आधार कार्ड
पैन कार्ड
10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट
जन्म प्रमाण पत्र
डोमिसाइल सर्टिफिकेट


एडमिशन प्रोसेस
पोस्ट ग्रेजुएशन इन फिलॉसफी एंड रिलिजन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करनी होगी. हर कॉलेज का अपना अलग प्रावधान होता है. कुछ कॉलेज में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर होता है तो वहीं कुछ में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन मिलता है.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर