Army Day celebrations: हर साल 15 जनवरी को भारत अपना सेना दिवस मनाता है. इस दिन का उद्देश्य सैनिकों और देश के लिए उनके बलिदान को याद करना है. इसके अलावा, सेना दिवस साल 1949 की याद दिलाता है, जब फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने थे, जो भारतीय सेना के आखिरी ब्रिटिश-सेवा प्रमुख जनरल एफआरआर बुचर के उत्तराधिकारी थे. करियप्पा बाद में फील्ड मार्शल बने थे.


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1949 से 2022 तक सेना दिवस परेड का आयोजन दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में किया जाता था. थल सेनाध्यक्ष मार्चिंग कॉन्टीजेंट का रिव्यू करते हैं जो हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हैं.


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बर भारतीय सेना के 76वें सेना दिवस के उपलक्ष्य में एक शानदार परेड की मेजबानी की. लगातार दूसरे साल, सेना दिवस परेड को दिल्ली के बाहर ट्रांसफर किया गया है. पिछले साल परेड बेंगलुरु के एमईडी एंड सेंटर के परेड ग्राउंड में आयोजित की गई थी.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सेना दिवस के मौके पर सैनिकों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्र की रक्षा करने और देश की संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने में उनका अथक समर्पण उनकी बहादुरी का प्रमाण है.


पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "सेना दिवस पर, हम अपने सैन्यकर्मियों के असाधारण साहस, अटूट प्रतिबद्धता और बलिदान का सम्मान करते हैं. हमारे राष्ट्र की रक्षा करने और हमारी संप्रभुता को बनाए रखने में उनका अथक समर्पण उनकी बहादुरी का प्रमाण है. वे ताकत और प्रतिरोध क्षमता के स्तंभ हैं."



थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को 76वें सेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं. सैनिकों को अपने संबोधन में जनरल मनोज पांडे ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, "सेना दिवस 2024 के अवसर पर, मैं भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिक कर्मचारियों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. हम अपने उन साथियों को याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने सेवा में अपना जीवन लगा दिया है. राष्ट्र उनका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा."


इस साल की सेना दिवस परेड विशेष होगी क्योंकि 'बेस्ट मार्चिंग दल' का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा. मेजर जनरल सलिल सेठ ने कहा, सबसे अच्छे मार्चिंग दल की पहचान के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है.


"सभी मार्चिंग दल प्रक्टिस करते हैं लेकिन इसे करने का एक पैटर्न होता है - अपने हाथों और पैरों को एक निश्चित लेवल तक ऊपर उठाना और एक निश्चित समय सीमा के भीतर हथियार के साथ अपनी एक्टिविटी करना. हम पर्सनल एक्टिविटी को एक कैमरे और फिर कंप्यूटर के साथ कैप्चर करेंगे. अधिकारी ने कहा, "एआई का उपयोग करने वाला सॉफ्टवेयर हर गतिविधि के लिए नंबर देगा. इसकी निगरानी भी इंसानों द्वारा की जाएगी. हमने दो से तीन अभ्यास किए हैं."