ओवैसी के लिए प्रचार करने वाले भाई अकबरुद्दीन ही खिलाफ क्यों खड़े हो गए? हैदराबाद का हाल जानिए
Lok Sabha Election 2024: वैकल्पिक कैंडिडेट के तौर पर पार्टी ने अकबरुद्दीन का नॉमिनेशन कराया है. वो इसलिए ताकि अगर किसी भी वजह से सीनियर ओवैसी का नॉमिनेशन रद्द हो जाता है तो बैकअप के तौर पर AIMIM उम्मीदवार रहेंगे.
Owaisi Vs Madhvi Lata: हैदराबाद लोकसभा सीट पर अब मुकाबला दिलचस्प हो गया है. इस सीट पर मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बीच है. लेकिन अब सीनियर ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी नामांकन कर दिया है. फिलहाल अकबरुद्दीन चंद्रायनगुट्टी सीट से MLA हैं. कमाल की बात ये है कि अब से कुछ घंटे पहले तक हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों में जाकर अकबरुद्दीन ओवैसी अपने भाई असदुद्दीन ओवैसी के लिए प्रचार कर रहे हैं. जब अकबरुद्दीन ने नामांकन किया तो सियासी गलियारों में हलचल पैदा हो गई. लोग यहां तक कहने लगे कि क्या दोनों भाइयों के बीच सब ठीक है. क्या दोनों आमने-सामने होंगे?
लेकिन इन अटकलों पर अब फुल स्टॉप लग गया है. दरअसल वैकल्पिक कैंडिडेट के तौर पर पार्टी ने अकबरुद्दीन का नॉमिनेशन कराया है. वो इसलिए ताकि अगर किसी भी वजह से सीनियर ओवैसी का नॉमिनेशन रद्द हो जाता है तो बैकअप के तौर पर AIMIM उम्मीदवार रहेंगे. दरअसल पार्टी ने पहले भी यह स्ट्रैटजी अपनाई है. विधानसभा में भी यही देखने को मिला था. उस वक्त अकबरुद्दीन ने चंद्रायनगुट्टा से नॉमिनेशन भरा था. इसके बाद उनके बेटे नूर उद्दीन ने भी नामांकन भरा था. बाद में बेटे ने अपना नाम वापस ले लिया था.
क्या है हैदराबाद का गणित?
दरअसल हैदराबाद लोकसभा सीट ओवैसी फैमिली का दुर्ग माना जाता है 1984 से ही पार्टी का यहां दबदबा रहा है. इस सीट पर 40 फीसदी हिंदू और 60 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं. ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी 1984 से 1999 तक इस सीट से कुल 6 बार जीते. 2004 से 2019 तक असदुद्दीन ओवैसी जीतते आ रहे हैं. यानी पिछले 10 बार से यह सीट ओवैसी परिवार के ही पास है. लेकिन इस बार बीजेपी की कद्दावर नेता माधवी लता मैदान में हैं. वह अपनी जीत को लेकर बेहद आश्वस्त नजर आ रही हैं. इस सीट पर कांग्रेस का कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ है.