Amit Shah on BJP Agenda: आखिरी चरण के मतदान से पहले भाजपा पूरी तरह कॉन्फिडेंट है कि 4 जून को एक बार फिर मोदी सरकार आ रही है. एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने तीसरे टर्म का सबसे बड़ा एजेंडा बताया है. 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से भाजपा के दशकों पुराने वादे एक-एक कर पूरे किए जा रहे हैं. आर्टिकल 370, राम मंदिर के बाद अब शाह ने लंबे समय से चर्चा में रहे दो बड़े वादों की याद दिलाई है. जी हां, उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर सभी पक्षों से गहन चर्चा के बाद पांच साल के अंदर पूरे देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी. साथ ही कहा कि सरकार अगले कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को भी लागू करेगी क्योंकि देश में एक साथ चुनाव कराने का समय आ गया है.


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यूसीसी पर साफ बोले शाह


समान नागरिक संहिता पर शाह ने कहा, ‘UCC एक जिम्मेदारी है जो हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा स्वतंत्रता के बाद से हमारी संसद और हमारे देश के राज्य विधानसभाओं पर छोड़ी गई है.’ उन्होंने कहा, ‘संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता शामिल है. उस समय भी के एम मुंशी, राजेंद्र बाबू, आंबेडकर जी जैसे कानूनविदों ने कहा था कि एक पंथनिरपेक्ष देश के अंदर धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए. एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए.’ 


उत्तराखंड में भाजपा ने किया प्रयोग


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड में एक प्रयोग किया है, क्योंकि वहां बहुमत की सरकार है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र के साथ यह राज्यों का भी विषय है. शाह ने कहा, ‘मेरा मानना है कि समान नागरिक संहिता एक बड़ा सामाजिक, कानूनी और धार्मिक सुधार है. उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए कानून की सामाजिक और कानूनी जांच होनी चाहिए. धार्मिक नेताओं से भी सलाह ली जानी चाहिए.’ 


उन्होंने कहा, ‘मेरे कहने का मतलब है कि इस पर एक व्यापक बहस होनी चाहिए... और इसके बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए मॉडल कानून में कुछ परिवर्तन करना है या नहीं...तय किया जाना चाहिए क्योंकि कोई न कोई कोर्ट में जाएगा ही जाएगा. न्यायपालिका का अभिप्राय भी सामने आएगा.’ 


उन्होंने कहा, ‘उसके बाद देश के विधानमंडलों में और संसद को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए और हां, कानून जरूर बनना चाहिए इसलिए हमने इसे अपने संकल्प पत्र में रखा है. भाजपा का लक्ष्य है कि पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता हो. यह पूछे जाने पर कि क्या यह अगले पांच साल में हो सकता है, शाह ने कहा कि यह अगले पांच साल में ही होगा. 


...तो सर्दियों में होंगे चुनाव?


भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से खर्च कम होगा. चुनाव सर्दियों में कराने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘इस पर विचार किया जा सकता है. अगर हम कोई चुनाव निर्धारित समय से पहले कराते हैं तो यह किया जा सकता है. यह किया भी जाना चाहिए. यह छात्रों की छुट्टी का समय भी होता है. यह बहुत सारी समस्याएं भी पैदा करता है. समय के साथ, चुनाव (लोकसभा) धीरे-धीरे इस अवधि (गर्मियों के दौरान) में होने लग गए. 


उन्होंने कहा, ‘पांच साल का समय पर्याप्त है.’ एक साथ चुनाव के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कराने (लागू करने) का पूरा प्रयास करेंगे और इस पर भी चर्चा होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने (पूर्व राष्ट्रपति) रामनाथ कोविंद कमेटी गठित की है. मैं भी इसका सदस्य हूं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. समय आ गया है कि देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए.’ यह पूछे जाने पर कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो क्या इस पर विधेयक अगले सत्र में पेश किया जा सकता है, शाह ने कहा, ‘हमारा संकल्प पत्र पांच साल का होता है और हम उसमें लेकर आएंगे.’ (भाषा)