Lok Sabha Polls Voter Turnout: अप्रैल के महीने में ही पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ने लगी है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं की कम भागीदारी ने चुनाव आयोग की चिंता बढ़ा दी है. तमाम पहल के जरिए आयोग ज्यादा से ज्यादा वोटरों को पोलिंग बूथ तक लाने की कोशश करता है लेकिन पहले ही चरण का वोटिंग प्रतिशत पिछली बार से कम रहा है. जी हां, 2019 की तुलना में इस साल 102 लोकसभा सीटों पर मतदान करीब तीन प्रतिशत कम रहा. ऐसे में चुनाव आयोग आगे की रणनीति बनाने में जुट गया है, जिससे वोटरों का जोश हाई किया जा सके.  


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TOI की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की वोटिंग में कुछ सुदूर पोलिंग स्टेशनों के आंकड़े जुड़ने से अपडेट 66 प्रतिशत हो गया है और यह 0.1 या 0.2 प्रतिशत और हो सकता है. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 69.2 प्रतिशत रहा था. मतदाताओं में जोश भरने के लिए कई फिल्मी हस्तियों से भी अपील कराई गई थी, वोटरों को मोटिवेट करने के लिए BCCI के साथ टाई-अप किया गया और आईपीएल के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया. फिर भी उत्साह में कमी देख चुनाव आयोग के अधिकारी टेंशन में हैं. 


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वैसे तो चुनाव आयोग कारणों की वृहद समीक्षा कर रहा है जिससे अगले चरणों में उस दिशा में और प्रयास किए जा सकें. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया है कि इस वीकेंड चुनाव आयोग में चर्चा हुई है और आज से नई रणनीति पर आगे बढ़ा जाएगा. आयोग का मानना है कि मतदान कम रहने की सबसे बड़ी वजह गर्मी बढ़ना हो सकता है क्योंकि पिछली बार की तुलना में आठ दिन बाद मतदान शुरू हुआ है. त्योहार के साथ शादियों का भी सीजन है. 



गर्मी का हाल


वैसे, देश में गर्मी आगे भी बढ़ती जाएगी. रविवार को कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ी. कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने बताया है कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, पुदुचेरी और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. मौसम विभाग ने पहले ही अप्रैल से जून के बीच अत्यधिक गर्मी की चेतावनी दे रखी है. 


यहां के वोटर सबसे आगे


जी हां, केवल तीन राज्य- छत्तीसगढ़, मेघालय और सिक्किम ऐसे हैं जहां 2019 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ. इस बार छत्तीसगढ़ 68.3 प्रतिशत, मेघालय में 76.6 प्रतिशत और सिक्किम में 79.9 प्रतिशत वोटिंग हुई. दूसरी तरफ मणिपुर में 7.7 प्रतिशत, एमपी में करीब सात प्रतिशत, मणिपुर में 7.7 प्रतिशत गिरावट देखी गई. 


बिहार में इस बार केवल 49.2 प्रतिशत मतदान हुआ. यूपी में भी पिछली बार के 66.5 प्रतिशत की तुलना में 61.1 प्रतिशत ही वोटिंग हुई. 


चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि किस वर्ग या समूह के वोटर वोट देने नहीं निकले, यह पता करना मुश्किल है. फिलहाल 26 अप्रैल को अगले चरण के मतदान में लोगों को प्रोत्साहित करने का ही प्रयास किया जाएगा और इसके लिए नई रणनीति अपनाई जा रही है.