इकलौता बल्‍लेबाज जो गेंदबाजों से निबटने के लिये कर रहा ‘सेंसर’ का इस्‍तेमाल
Advertisement

इकलौता बल्‍लेबाज जो गेंदबाजों से निबटने के लिये कर रहा ‘सेंसर’ का इस्‍तेमाल

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2017 में बल्ले पर सेंसर लगाने के लिये मंजूरी प्रदान की थी लेकिन ऑस्‍ट्रेलियाई बल्लेबाज को छोड़कर पिछले दो वर्षों में किसी ने इसका उपयोग नहीं किया.

इकलौता बल्‍लेबाज जो गेंदबाजों से निबटने के लिये कर रहा ‘सेंसर’ का इस्‍तेमाल

लंदन: ऑस्‍ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर विश्व कप (world cup 2019) के कड़े मुकाबलों की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और इसके लिये वह अपने बल्ले पर नये उपकरण का उपयोग कर रहे हैं जो कि एक सेंसर है जिसमें बैकलिफ्ट के कोण से लेकर बल्ले की अधिकतम गति जैसे आंकड़े दर्ज रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2017 में बल्ले पर सेंसर लगाने के लिये मंजूरी प्रदान की थी लेकिन ऑस्‍ट्रेलियाई बल्लेबाज को छोड़कर पिछले दो वर्षों में किसी ने इसका उपयोग नहीं किया.

सेंसर चिप
बेंगलुरू स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिकेट’ ने बल्ले के सेंसर के लिये एक खास चिप तैयार की है जिसका उपयोग वार्नर कर रहे हैं ताकि उन्हें जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिले. सेंसर चिप बल्ले के हैंडल के ऊपर लगाई जाती है. बल्लेबाज जब तक बल्लेबाजी कर रहा होता है तब तक चिप जो भी आंकड़े हासिल करती है वे ‘क्लाउड स्टोरेज’ के जरिये मोबाइल ऐप में संग्रहीत हो जाते हैं.

गेंद से छेड़छाड़ की बातों के बीच जम्पा के बचाव में आए कप्तान फिंच, कहा- वह अपने हाथ गर्म कर रहे थे

वार्नर को बल्ले के सेंसर से कुछ दिलचस्प आंकड़े मिले है. माना जा रहा है कि उनके बल्ले की गति 79 किमी प्रति घंटे है. अतुल श्रीवास्तव, जिनकी कंपनी ने आईसीसी के साथ करार किया है, ने कहा, ‘‘मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि वार्नर मैच के दौरान सेंसर का उपयोग कर रहा है या नहीं लेकिन वह अभ्यास सत्र में इसका उपयोग करता है.’’

भारत के पूर्व टेस्ट विकेटकीपर और क्रिकेट विश्लेषक दीप दासगुप्ता ने कहा कि सेंसर से मिलने वाले आंकड़े पेशेवर खिलाड़ियों के लिये उपयोगी साबित हो सकते हैं. दासगुप्ता ने कहा, ‘‘पहले कोच बैकलिफ्ट के कोण या बल्ले की गति या बल्ले और शरीर के बीच दूरी के लिये अपने नैसर्गिक कौशल का उपयोग करते थे. मेरा मानना है कि अगर सटीक आंकड़े कोच की मदद कर सकते हैं तो इनका उपयोग किया जाना चाहिए.’’

वर्तमान में भारत का कोई भी खिलाड़ी बल्ले पर सेंसर का उपयोग नहीं कर रहा है जो निकट भविष्य में बल्लेबाजों के लिये उपयोगी साबित हो सकता है.

(इनपुट: एजेंसी भाषा)

Trending news