खेल जगत ने दस्ताने विवाद पर धोनी का समर्थन किया है. खेलमंत्री खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बीसीसीआई से महेंद्र सिंह धोनी के मामले को निपटाने को कहा है.
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नई दिल्ली: खेल जगत ने दस्ताने विवाद पर धोनी का समर्थन किया है. खेलमंत्री खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बीसीसीआई से महेंद्र सिंह धोनी के मामले को निपटाने को कहा है. हालांकि पूर्व भारतीय फुटबाल कप्तान बाईचुंग भूटिया का मानना है कि धोनी को नियमों का पालन कर इसे हटा देना चाहिए. भूटिया ने एक टीवी चैनल से कहा, "एक खिलाड़ी को नियम और दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. अगर यह इसके खिलाफ है तो धोनी को इसे नहीं पहनना चाहिए"
वहीं, चेन्नई सुपरकिंग्स के साथी और भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना के अलावा पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह, लंदन ओलंपिक कांस्य पदकधारी पहलवान योगेश्वर दत्त और भारतीय धाविका हिमा दास ने धोनी का समर्थन किया. रैना ने ट्वीट किया, "हम सभी को अपने देश से प्यार है और महेंद्र सिंह धोनी ने भी यही किया है, वह हमारे नायकों के बलिदान को सलामी दे रहे हैं और उनका सम्मान कर रहे हैं. इसे देशभक्ति के रूप में लिया जाना चाहिए और राष्ट्रवाद के रूप में नहीं."
While we are on the field, we devote ourselves to our country & we give all we can to make India proud. We all love our country & that’s exactly @msdhoni has done, saluting the sacrifices of our heroes & honouring them. It should be taken as an act of patriotism & not nationalism
— Suresh Raina (@ImRaina) June 7, 2019
योगेश्वर ने कहा कि इस चिन्ह को हटाना भारतीय सेना का अपमान होगा. उन्होंने लिखा, "आईसीसी द्वारा इस बैज को हटाने की मांग भारतीय सेना के बलिदान का ही अपमान नहीं होगा बल्कि भारतीय सेना का भी अपमान होगा." हिमा दास ने कहा, "भारत धोनी भाई के साथ है. मैं माही भाई का समर्थन करती हूं. जय हिंद जय भारत."
#MSDhoni प्रादेशिक सेना में प्रशिक्षित #Paratrooper हैं, इस #बलिदानबैज को #धोनी ने अपनी काबिलियत से हासिल किया है।इस बैज को हटाने की #ICC की मांग ना सिर्फ भारतीय सेना का, बल्कि भारतीय सेना के बलिदान का अपमान है। हम सब देशवासी धोनी के साथ है। #DhoniKeepTheGlove @msdhoni @ICC @BCCI pic.twitter.com/syUhTW7OeJ
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) June 7, 2019
आरपी सिंह ने लिखा, "मेरे लिए यह समझना मुश्किल है कि महेंद्र सिंह धोनी के मैदान पर दस्ताने में इस चिन्ह को लगाने से आईसीसी को क्या समस्या हो सकती है. उनके प्रशंसक इससे प्रेरित होते हैं और वह खुद ही लेफ्टिनेट कर्नल है, यह बहुत हैरानी की बात है."
(इनपुट भाषा से)