ICC World Cup: महज 45 मिनट के खराब खेल ने तोड़ दिया सबका सपना: विराट कोहली
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ICC World Cup: महज 45 मिनट के खराब खेल ने तोड़ दिया सबका सपना: विराट कोहली

न्यूजीलैंड ने आईसीसी विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत को 18 रन से हराया. इसके साथ ही भारत विश्व कप से बाहर हो गया.

भारतीय कप्तान विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में सिर्फ एक रन ही बना सके. (फोटो: ANI)

नई दिल्ली: भारतीय टीम का आईसीसी विश्व कप (World Cup 2019) में शानदार सफर बुधवार को थम गया. न्यूजीलैंड ने रोमांचक सेमीफाइनल में भारत को 18 रन से हराया. दो दिन चले इस सेमीफाइनल में ज्यादातर समय भारत की टीम हावी रही, लेकिन अंतत: बाजी न्यूजीलैंड के नाम रही. विराट कोहली ने भी मैच के बाद कहा कि उनकी टीम पर 45 मिनट का खराब खेल भारी पड़ गया. 

भारत इस विश्व कप में सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उतरा था. न्यूजीलैंड ज्यादातर टूर्नामेंट की तरह इस बार भी अंडरडॉग मानी जा रही है. विराट कोहली ने मैच के बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने दबाव के पलों में बेहतर खेल दिखाया. 

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विराट कोहली ने कहा, ‘जब आप किसी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हैं और सिर्फ 45 मिनट का खेल आप पर भारी पड़ जाता है तो यह बुरा लगना स्वाभाविक है. यह हार पचाना मुश्किल है, लेकिन न्यूजीलैंड जीत का हकदार है. उसने अच्छा प्रदर्शन किया. विराट कोहली का इशारा भारत की पारी के शुरुआती समय के बारे में था. भारत ने शुरुआती 10 ओवर में ही चार विकेट गंवा दिए थे. 

विराट ने कहा कि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने शुरुआती स्पेल में बेहद सटीक गेंदबाजी की. रोहित शर्मा अच्छी गेंद पर आउट हुए. मैं भी जिस गेंद पर आउट हुआ, वह अच्छी गेंद थी. शुरुआती विकेट गिरने से टीम पर दबाव बन गया और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने इसका पूरा फायदा उठाया.’ 

विराट कोहली ने हार्दिक पांड्या के शॉट और एमएस धोनी की धीमी बैटिंग का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि पांड्या आक्रामक खिलाड़ी हैं. उन्होंने दबाव में अच्छा खेला और ऋषभ पंत के साथ अच्छी साझेदारी की. इसके बाद वे एक शॉट लगाते हुए आउट हुए. मैदान के बाहर रहकर किसी को जज करना आसान है. लेकिन पांड्या ऐसे ही खेलते हैं. 

इसी तरह धोनी की धीमी पारी पर उन्होंने कहा, ‘जब टीम पांच विकेट गंवा चुकी हो तो लंबी साझेदारी की जरूरत होती है. एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा ने ऐसा ही किया. जडेजा शॉट खेल रहे थे. इसलिए मुझे लगता है कि धोनी का वहां जमकर खेलना सही था. वे ऐसा ही खेलते हैं और खेल को आखिरी ओवर तक ले जाते हैं. दुर्भाग्य से वे इसे अंजाम तक नहीं पहुंचा सके. 

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