नई दिल्ली: आईसीसी वनडे विश्व कप शुरु होने में अब मात्र 14 दिन बचे हैं. ऐेसे में भारत में टीम इंडिया की जीत की संभावनाओं की बातें खूब जम कर हो रही हैं. इस सिलसिले में पुराने रिकॉर्ड भी देखे जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गये पिछले विश्व कप के बाद भारत ने जो 86 एकदिवसीय मैच खेले उनमें बल्लेबाजी टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों मुख्य रूप से रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली के इर्द गिर्द घूमती रही है. अब ब्रिटेन में होने वाले क्रिकेट महाकुंभ में भी भारतीय नैया पार लगाने की मुख्य जिम्मेदारी इन तीनों पर ही रहेगी.
क्या कहानी कह रहे हैं रिकॉर्ड
इन तीन खिलाड़ियों की पैरवी कोई और नहीं बल्कि पिछले चार साल के रिकॉर्ड कर रहे हैं. पिछले चार सालों में भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों ने मिडिल ऑर्डर की तुलना में 6030 रन अधिक बनाए हैं. इस बीच टॉप ऑर्डर के 45 शतकों की तुलना में मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज केवल छह शतक लगा पाए. यही नहीं चोटी के तीन बल्लेबाजों ने मिडिल ऑर्डर के 35 अर्धशतकों से लगभग दुगुना 67 अर्धशतक जमाये. इससे पता लगता है कि 30 मई से शुरू होने वाले विश्व कप में टॉप ऑर्डर की सफलता भारत के लिए कितने मायने रखती है.
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भारी अंतर रहा टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर में
एक जमाने टीम इंडिया के लिए टॉप ऑर्डर की समस्या प्रमुख थी, पर अब मामला उल्टा हो गया है. भारत ने पिछले चार वर्षों में खेले गये 86 मैचों में से 56 में जीत दर्ज की और इसकी मुख्य वजह टॉप ऑर्डर यानि पहले से तीसरे नंबर के बल्लेबाज का अच्छा प्रदर्शन रहा. भारत ने इन मैचों में टॉप ऑर्डर में 14 बल्लेबाज आजमाए जिन्होंने कुल मिलाकर 13055 रन बनाए. इस बीच मिडिल ऑर्डर के 24 बल्लेबाजों के नाम पर केवल 7025 रन ही दर्ज रहे.
विराट कोहली रहे सबसे सफल
विराट कोहली टीम इंडिया ही नहीं दुनिया के सबसे बल्लेबाज रहे हैं. पिछले सालों में उनका फॉर्म शानदार रहा है. टॉप ऑर्डर में उनके अलवा रोहित और धवन ही 1000 से अधिक रन बना पाए हैं. कप्तान कोहली इन चार वर्षों में 65 मैचों में टॉप ऑर्डर में उतरे जिनमें उन्होंने 83.76 की औसत 98.54 के स्ट्राइक रेट से 4272 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं. पिछले चार वर्षों में वह दुनिया में टॉप ऑर्डर के अकेले बल्लेबाज रहे जिन्होंने 4000 से अधिक रन बनाए.
रोहित हैं दूसरे और धवन तीसरे नंबर पर
रोहित शर्मा के बारे में कहा जाता रहा है कि वे नियमित नहीं रख सके हैं, लेकिन हाल के ही आंकड़े उनका पक्ष बहुत ही ज्यादा मजबूत कर रहे हैं. रोहित का नंबर उनके बाद आता है जिन्होंने 71 मैचों में 61.12 की औसत से 3790 रन बनाए. उन्होंने इस बीच 15 शतक और 16 अर्धशतक जमाए. रोहित के सलामी जोड़ीदार धवन ने 67 मैचों में 45.20 की औसत से 2848 रन बनाए जिसमें आठ शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं.
तीसरे नंबर के लिए टीम में हैं केएल
केएल राहुल को तीसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में विश्व कप टीम में शामिल किया गया है लेकिन वह पिछले चार वर्षों में केवल नौ मैचों में टॉप ऑर्डर में उतरे जिसमें उन्होंने 310 रन बनाए. इसमें एक शतक और दो अर्धशतक भी शामिल है. राहुल को बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने पिछले चार वर्षों में मिडिल ऑर्डर में खेले गये पांच मैचों में केवल 33 रन ही बनाए.
मिडिल ऑर्डर धोनी के जिम्मे
मिडिल ऑर्डर यानि चार से सात नंबर के बल्लेबाजों में भारत का दारोमदार निश्चित तौर पर महेंद्र सिंह धोनी पर टिका रहेगा. जिन्होंने पिछले विश्व कप के बाद 79 मैचों में 44.46 की औसत से 2001 रन बनाए. जिसमें एक शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी के अलावा केवल केदार जाधव (58 मैचों में 1154 रन) ही इन चार वर्षों में 1000 रन के पार पहुंचे.
कोहली के बैटिंग ऑर्डर में बदलाव पर सवाल
मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कुछ समय पहले विश्व कप के दौरान कोहली के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के संकेत दिये थे जिसके बाद यह कयास लगाये जाने लगे कि जरूरत पड़ने पर भारतीय कप्तान नंबर चार पर उतर सकते हैं. आंकड़ों के हिसाब से चलें तो यह कदम आत्मघाती होगा क्योंकि कोहली पिछले चार वर्षों में केवल चार बार मिडिल ऑर्डर में उतरे हैं जिनमें उन्होंने महज 34 रन बनाए.
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यह हाल रहा है बाकी खिलाड़ियों का
इन चार वर्षों में हार्दिक पंड्या (41 मैचों में 641 रन), दिनेश कार्तिक (19 मैचों में 381 रन) और रविंद्र जडेजा (17 मैचों में 172 रन) टुकड़ों में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाये. विजय शंकर पिछले एक साल से ही टीम से जुड़े हैं. इस बीच उन्होंने मिडिल ऑर्डर में नौ मैच खेले जिसमें 165 रन बनाए.
(इनपुट भाषा)