एमएस धोनी विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ सातवें नंबर पर बैटिंग करने उतरे थे. भारत यह मैच हार गया था.
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नई दिल्ली: पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने विश्व कप (World Cup 2019) में भारत की सेमीफाइनल की हार के बाद टीम की स्ट्रेटजी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले में जब भारतीय टीम (Team India) ने शुरुआती तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को बल्लेबाजी के लिए 'ऊपर' आना चाहिए था. सुनील गावस्कर ने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की वकालत की है, जो हालात के अनुरूप होनी चाहिए. हालांकि, न्यूजीलैंड के हाथों मिली 18 रनों की हार वाले मैच मे जो हुआ, उससे वह काफी खफा हैं.
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान कहा कि जब भारत ने अपने तीन टॉप बल्लेबाजों के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों मिजाज के लिहाज से एक जैसे बल्लेबाज हैं. उनकी जगह एक छोर पर धोनी को होना चाहिए था, जो पंत को संयमित रहने की सलाह दे सकते थे. आखिरकार पंत एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जो भारत के लिए बाद में काफी महंगा साबित हुआ.
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सुनील गावस्कर ने कहा, ‘जब हमने 24 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पांड्या विकेट पर थे. दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं. दोनों आक्रामक हैं. वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो इनमें से किसी एक को संयमित रहकर खेलने की सलाह देता. आखिरकार दोनों बल्लेबाज गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए और यही भारत को भारी पड़ गया.’
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सुनील गावस्कर के मुताबिक धोनी अपने साथियों की मनोदशा को समझते हैं और यही कारण था कि वह पंत या फिर पांड्या को सही तरीके से समझाकर विकेट पर बने रहने के लिए प्रेरित कर सकते थे. बकौल गावस्कर, ‘वह (धोनी) अगर विकेट पर होते तो वह पंत को समझा सकते थे, जो काफी उतावले नजर आ रहे थे. कप्तान ने अहम मुकाम पर दो ऐसे खिलाड़ियों को भेज दिया, जिनके खेलने का तरीका 'मारो बस मारो' है. उस वक्त गेंद काफी अनियमित खेल रही थी और ऐसे में विकेट पर बने रहते हुए हालात के हिसाब से खेलने की जरूरत थी. आपको ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत थी, जो विकेट पर ठहर कर खेल सकता था.’
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हालात के विपरीत विराट कोहली ने उस मैच में धोनी को नंबर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था. पूरे टूर्नामेंट में धोनी इतना 'नीचे' नहीं खेले थे. इसे लेकर कोहली का अपना अलग मत था. कोहली ने मैच के बाद कहा था, ‘धोनी ने हालात के हिसाब से अपनी भूमिका के साथ न्याय किया. हमने उन्हें इसीलिए विकेट पर काफी देरी से भेजा था. हम चाहते थे कि वह अंत तक विकेट पर रहें और जब छह या सात ओवर रह जाएं तो हालात के हिसाब से बल्लेबाज करें. हमारी रणनीति फ्लॉप रही क्योंकि वह रन आउट हो गए.’