सफर नहीं थी आसान
2015 क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश से हारने के बाद इंग्लैंड विश्व कप से बाहर हो गया था. इसके बाद इस टीम ने अपने खेलने के रवैये को पूरी तरह से बदल दिया. शुरुआत से अटैकिंग बल्लेबाजी करना और गेंदबाज को पहले ओवर से ही दबाव में डालना जैसे टीम की रणनीति बन गई हो. टीम के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है पिछले विश्व कप से लेकर इस विश्व कप तक के फाइनल में पहुंचने का सफर अविश्वसनीय है. इस समय पूरी टीम बस गेम का आनंद ले रही हैं.
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जीत के बाद कप्तान मोर्गन खुश
सेमीफाइनल मुकाबला जीतने के बाद कप्तान ने कहा, ‘1992 में जब टीम फाइनल पहुंची थी उस वक्त मैं केवल छह साल का था. मुझे याद नहीं उस समय क्या हुआ था, पर मैंने उसकी झलकियां देखी हैं. अगर हम पीछे जाकर 2015 को देखते हैं और फिर रविवार को फाइनल में जाने तक के सफर को देखते हैं तो मुझे यह अविश्वसनीय लगता है. इसके लिए ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर खिलाड़ी को श्रेय जाता है. हमें फाइनल जीतने के लिए मौकों का फायदा उठाना होगा.’
लीग दौर में लड़खड़ाने के बावजूद की वापसी
इंग्लैंड को इस विश्व कप में शुरु से ही जीत का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन लीग दौर में श्रीलंका, पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया से हारने के बाद वह लड़खड़ा गई थी. उसका सेमीफाइनल में जाना मुश्किल लग रहा था. मेजबान टीम ने दमदार वापसी की और अब फाइनल में जगह बना चुकी है.
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क्रिस वोक्स की गेंदबाजी से बेहद खुश कप्तान
वोक्स के बारे में कप्तान ने कहा, ‘मैं वोक्स के लिए बेहद खुश हूं. वह काफी शांत स्वाभाव के खिलाड़ी हैं और पिछले कुछ समय से हमारे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे हैं वह लगातार अपना काम कर रहे हैं.’ क्रिस वोक्स ने सेमीफाइनल मैच में आस्ट्रेलिया के तीन बल्लेबाजो को पवेलियन का रास्ता दिखाया और इसी परफॉरमेंस के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच बनाया गया.