फर्जी दस्तावेज के जरिए फाइनेंस कंपनी को लगाया 20 लाख का चूना, गिरफ्तार
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फर्जी दस्तावेज के जरिए फाइनेंस कंपनी को लगाया 20 लाख का चूना, गिरफ्तार

 फर्जी दस्तावेजों के जरिए वाहन खरीदकर फाइनेंस कंपनी को 20 लाख रुपये का चूना लगाने वाले तीन आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा. 

फर्जी दस्तावेज के जरिए फाइनेंस कंपनी को लगाया 20 लाख का चूना, गिरफ्तार

नई दिल्ली: फर्जी दस्तावेजों के जरिए वाहन खरीदकर फाइनेंस कंपनी को 20 लाख रुपये का चूना लगाने वाले तीन आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा. इनकी पहचान सुनील कुमार (35), हरीश ढींगरा उर्फ आकाश कपूर (40) और मो.सुआलेहीन (28) के रूप में हुई है. जबकि हरीश ढींगरा गैंग का मास्टर माइंड है और सुनील कुमार फाइनेंस कंपनी का ही मार्केटिंग एजेंट है. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से खरीदे गए पुरानी और बाहरी दिल्ली से छह स्कूटर बरामद कर लिए गए हैं. साउथ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने बताया की सेक्टर-16 नोएडा की एक फाइनेंस कंपनी से जुड़े आशीष गोयल ने मामले की ओखला थाने में शिकायत दी.

शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी के मार्केटिंग एजेंट सुनील कुमार ने कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से एक्टिवा स्कूटर का लोन पास कराकर ठगी की. इस तरह से उन्होंने विभिन्न शोरूम से 28 एक्टिवा होंडा स्कूटर रिलीज कराने में कामयाबी हासिल की. मामले की गंभीरता को देखते हुए ठगी का मुकदमा दर्ज कर एसएचओ संदीप घई की निगरानी में तफ्तीश के बाद सुनील कुमार को हिरासत में लिया गया.

पूछताछ में सुनील ने अपना जुर्म कबूल लिया,जबकि उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गैंग के मास्टर माइंड हरीश ढींगरा और मो.सुआलेहीन को धर दबोचा. हरीश ढींगरा ने पूछताछ में बताया वह सुनील की मदद से फर्जी दस्तावेजों के जरिए डाउनपेमेंट कर फाइनेंस पर वाहन खरीदते और फिर उन्हें डिलीवरी ऑर्डर मिल जाने पर उस शोरूम में स्कूटर लेने के लिए सुआलेहीन को भेज दिया जाता था.

इस काम के लिए हरीश सुनील को 25 हजार रुपए देता था, जिसमें सुनील 10 हजार रुपए का इस्तेमाल कैश डाउनपेमेंट के तौर पर प्रयोग करता था. बाकी बची रकम उसकी होती थी. वहीं, सुआलेहीन हरीश को 30-40 हजार रुपए देकर स्कूटर हासिल कर लेता था. इसके बाद सुआलेहीन यही स्कूटर अन्य राज्यों में ले जाकर सस्ते दाम के लालच देकर लोगों को बेच देता था.

बकायदा इसके लिए ग्राहक को सेल फॉर्म भी दिया जाता था. ग्राहक वही ढूंढे जाते थे जो मेन रोड के बजाए इनर रोड पर वाहन चलाते थे. उन्हें 75 हजार कीमत की नया स्कूटर महज 45 हजार रुपए में मिल जाता था. फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

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