Jharkhand Samachar: आश्रय गृह की दो आदिवासी लड़कियों ने भी यौन उत्पीड़न और छेड़खानी की शिकायत की थी.
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Ranchi: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में एक आश्रय गृह में यौन उत्पीड़न की शिकायतें मिलने के बाद शुक्रवार शाम बच्चों को दूसरे स्थान पर ले जाए जाने के दौरान दो नाबालिग लड़कियां लापता हो गईं. एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि लापता लड़कियों की तलाश शुरू कर दी गई है.
आश्रय गृह की दो आदिवासी लड़कियों ने भी यौन उत्पीड़न और छेड़खानी की शिकायत की थी. पुलिस ने उनके लापता होने की खबर मिलने के बाद उनसे पूछताछ की थी. मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट (एमटीडब्ल्यूटी) में एक आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने चार साल से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की शिकायत की थीं, जिसके बाद चालीस बच्चों को जमशेदपुर के गोबरगोसी में स्थित बाल कल्याण आश्रम ले जाया गया. इनमें दो बच्चों को छोड़कर बाकी सब नाबालिग हैं.
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एक स्थानीय एनजीओ एमटीडब्ल्यूटी का संचालन करता है, जिसका सेंट टेरेसा द्वारा स्थापित संगठन सिस्टर्स ऑफ चैरिटी से कोई संबंध नहीं है.
पूर्वी सिंहभूम के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ एम तमिल वनन ने बताया, 'बाल कल्याण समिति ने पाया कि जिस नए आश्रय गृह में बच्चों को स्थानांतरित किया गया था, अब वहां केवल 38 बच्चे हैं. लगभग 17 साल की दो नाबालिग लड़कियां लापता हैं. हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.'
(इनपुट- भाषा)