Daughter killed mother: घोर कलियुग आ गया है, रिश्तों का खून बह रहा है. कहीं भाई-भाई में झगड़ा है तो कहीं मां-बाप औलाद की हत्या कर रहे हैं. ताजा मामले में एक 13 साल की गोद ली गई बेटी ने अपनी उस पालने वाली मंमी को मार डाला जिसने उसे महज तीन दिन की उम्र में सड़क से उठाकर गले लगाकर पाला था.
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Odisha murder: सावधान रहें, सतर्क रहें. अपने आस-पास घट रही घटनाओं पर नजर रखें और अपराध की दस्तक को महसूस करें. वहीं जरूरत पड़े तो पुलिस की मदद लें. ऐसी बातें आपने किसी क्राइम शो की शुरुआत या अंत में देखी सुनी होंगी. ये पंक्तियां किसी शो की स्क्रिप्ट का हिस्सा होने के साथ-साथ जागरूकता भी फैलाती हैं. क्योंकि एक मां ने अपनी ही बेटी की हरकतों और उसके मन में चल रही बातों पर गौर नहीं किया. जिसकी कीमत उस मां को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
गोद ली बेटी ने मार डाला
खौफनाक अपराध के इस मामले में आठवीं क्लास में पढ़ने टीनेजर ने अपने दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर कथित तौर पर 54 साल की मां राजलक्ष्मी को मौत के घाट उतार दिया. मृतका राजलक्ष्मी ने हत्या की आरोपी बेटी को मां ने तब गोद लिया था, जब 3 दिन की उम्र में किसी ने उसे रोड पर मरने के लिए छोड़ दिया था. ओडिशा में मिली वो मासूम लड़की बड़ी हुई और उसने दो दोस्तों की मदद से अपनी दत्तक मां को मार डाला.
दो-दो लड़कों से अफेयर और प्रॉपर्टी की चाहत में मर्डर
पुलिस के मुताबिक 13 साल की इस लड़की ने अपने दो दोस्तों के साथ 29 अप्रैल को गजपति जिले के परलाखेमुंडी शहर में मां राजलक्ष्मी की हत्या की साजिश रची. क्योंकि राजलक्ष्मी अपनी बेटी के दो युवकों के साथ संबंधों का विरोध करती थी. लड़की ने अपनी मां की प्रॉपर्टी जल्द से जल्द हासिल करने की नीयत से मां को मार दिया.
आरोपी ने कथित तौर पर राजलक्ष्मी का तकिया से गला घोंटने से पहले उसे नींद की गोलियां खिलाईं. इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अगले दिन महिला के शव का अंतिम संस्कार भुवनेश्वर में उसके रिश्तेदारों की मौजूदगी में कर दिया गया. जिन्हें उस लड़की ने ये बताया था कि उसकी मां की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
धरती का सीना फाड़कर मिला सबूत!
कत्ल का ये मामला दो हफ्ते तक छिपा रहा. अचानक एक दिन मृतका राजलक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा को अपनी दत्तक भांजी का मोबाइल फोन मिल गया, जिसे वो भुवनेश्वर में गलती से छोड़ आई थी. मोबाइल डिवाइस की जांच से उसकी इंस्टाग्राम पर हुई बातचीत का खुलासा हुआ. जिसमें उसने हत्या की योजना के बारे में विस्तार से अपने दोस्तों से चर्चा की थी. चैट में राजलक्ष्मी की हत्या करने से लेकर उसके सोने के गहने और कैश को अपने कब्जे में लेने के बारे में बहुत कुछ बातें तय की गई थीं.
इस खोज के बाद, मृतका के भाई ने 14 मई को परलाखेमुंडी पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद की जांच में तीन आरोपियों, किशोरी लड़की, मंदिर के पुजारी गणेश राठ (21) और उसके दोस्त दिनेश साहू (20) को गिरफ्तार किया गया, दोनों उसी शहर के रहने वाले हैं.
पति की मौत के बाद अकेले पाला
गजपति जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जतिंद्र कुमार पांडा के मुताबिक, राजलक्ष्मी और उनके पति को लगभग 14 साल पहले भुवनेश्वर में सड़क किनारे एक नवजात बच्ची मिली थी. दोनों के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने बच्ची अपने पास रख ली और उसे सगे बच्चे की तरह पाला पोसा. राजलक्ष्मी के पति की मौत इस बेटी के आने के एक साल बाद हो गई थी. तब से, उन्होंने अकेले ही उसका पालन-पोषण किया. कई साल पहले, वो अपनी बेटी को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने के लिए परलाखेमुंडी ले गईं, उसका दाखिला कराने के बाद वहीं किराए के घर में रहने लगी.
उसी दौरान उसकी संगत बिगड़ गई. उसने राठ और साहू के साथ शारीरिक संबंध बना लिए. दोनों उससे उम्र में काफी बड़े थे. एक दिन मां को बेटी की हरकतों के बारे में पता चला तो राजलक्ष्मी ने कथित तौर पर नाजायज रिश्ते पर आपत्ति जताई. जिससे उसके और लड़की के बीच तनाव पैदा हो गया. पुलिस के अनुसार, राठ ने कथित तौर पर लड़की को हत्या करने के लिए उकसाया. राठ ने उसे भरोसा दिलाया कि राजलक्ष्मी की हत्या करके, वो बिना किसी विरोध के अपना रिश्ता जारी रख सकते हैं और उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकते हैं.
29 अप्रैल 2025 की शाम को लड़की ने कथित तौर पर अपनी मां को नींद की गोलियां दीं. जब राजलक्ष्मी बेहोश हो गई, तो उसने राठ और साहू को बुलाया और अपने रास्ते के कांटे को हटा दिया.