Bettiah: कोरोना काल में ऑक्सीजन की किल्लत को पूरे देश ने झेल रहा है. ऐसे में इस किल्लत को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कड़ी मेहनत की गई, तो आज प्राकृतिक रूप से मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर कहे जाने वाले पेड़ पौधो की कमी सरकार के साथ-साथ लोगों को भी महसूस होने लगी है. लेकिन चंद पैसे के लालच में भू-माफिया प्राकृतिक ऑक्सीजन सिलेंडर कहे जाने वाले पीपल के पेड़ को काटने से भी बाज नहीं आ रहें हैं. भले ही सरकारी स्तर पर जल, जीवन और हरियाली का संदेश देते सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पेड़-पौधे लगाने और जल संरक्षण के लिए मुहिम चला रहे हो.


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यह ताजा मामला बेतिया का है यहां मनुआपुल थाना क्षेत्र के तुनिया पंचायत के वार्ड नम्बर 13 लपटहीं घोटा में स्थित हरे-भरे विशाल पिपल के पेड़ को काट कर गिरा दिया गया है. इसी के साथ पीपल का पेड़ काट जाने पर गांववालों ने इसका विरोध करना शुरू किया और इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची मनुआपुल थाना की पुलिस ने पेड़ काट रहे दो मजदूरों को हिरासत में तो ले लिया. लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया और पुलिस ने पेड़ कटवाने वाले भू-माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की.


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सबसे हैरत की बात तो यह है कि पीपल का पेड़ गैरमजरूआ जमीन थी. इसके सामने की जमीन की बिक्री हुई हैं और भू-माफिया उस जमीन को भी बेचने के की प्लानिंग कर रहे थे. इसमें  यह पीपल का पेड़ बाधा बन रहा था. लिहाजा भू-माफियाओं ने पेड़ कटवा दिया और भू-माफियाओ ने इस जमीन को गुरूवलिया के फारूख को बेच दिया.
इसके बाद फारूख ने हरे-भरे पेड़ को कटवा दिया और पेड़ के कटने के कारण बिजली का तार भी टूट गया. 


बहरहाल हरे-भरे पेड़ के काटे जाने से वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ-सााथ जल, जीवन और हरियाली योजना को भी तगड़ा झटका लगा है. अब देखने वाली बात होगी कि वन विभाग और प्रशासन के द्वारा इन हरे भरे पीपल के पेड़ों की कटाई के मामले में कोई कार्रवाई होती है या नहीं.


(इनपुट-इमरान अज़ीज)