Bokaro: बोकारो में नवविवाहिता को मौखिक रूप से तीन बार 'तलाक-तलाक-तलाक' बोलकर घर से निकालने का मामला बुधवार को माराफारी थाना पंहुचा. 20 वर्षीय पीड़िता को मौखिक तलाक देकर धनबाद पुटकी के मुनीडीह स्थित ससुराल से निकालकर बोकारो सिवनडीह मायके लाकर हाईवे के किनारे अकेले छोड़ दिया गया. किसी प्रकार पीड़िता हाईवे से मायके पहुंची.


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यहां पीड़िता ने परिजनों के सामने घटना का जिक्र किया, फिर बुधवार को पिता के साथ माराफारी थाने पंहुचकर प्राथमिकी दर्ज कराई. मामले में पति नसीम अंसारी, सास रौशन आरा, ससुर हैदर अंसारी को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों के खिलाफ मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण बिल 2019 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. 


दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 'दो नवंबर 2019 को पीड़िता की शादी आरोपी पति के साथ हुई थी. बतौर दहेज नगदी समेत लगभग 17 लाख रुपए दिए गए थे. ससुराल जाने के कुछ दिन तक माहौल ठीक रहा फिर आरोपियों ने ऑल्टो कार की मांग सामने रख दी. पीड़िता के पिता ने दमाद को कार के लिए डेढ़ लाख रुपए दिए फिर कुछ दिन पीड़िता ससुराल में ठीक ठाक रही. इसके बाद उसके साथ मारपीट व प्रताड़ना शुरू कर दी गई और दहेज की मांग की जाने लगी. कहा गया कि रुपए नहीं मिले तो तलाक दे देगा.'


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पीड़िता के पिता ने आगे बताया कि 'आरोपी ससुर का पीड़िता के प्रति नजरिया सही नहीं था. वह अक्सर पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश करता था. 12 जून को पीड़िता के पेट मे दर्द था. जिसके बाद आरोपी ससुर ने एक पुड़िया दी, उसे खाकर पीड़िता सो गई और उसका पति दूसरे कमरे में सोने चला गया. इस बीच ससुर ने पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की. वहीं जब महिला ने अपने पति को इस बारे में बताया तो उसने बेवजह पिता पर आरोप लगाने की बात कही और पीड़िता के साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद मौखिक रूप से तीन बार 'तलाक तलाक तलाक' बोलकर मायके पंहुचा दिया.'


इधर, 2019 में बिल बनने के बाद बोकारो के माराफारी इंस्पेक्टर दुलर चौरे ने बिल के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है.


(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)