80 दिन बाद भी क्राइम ब्रांच नहीं लगा पाई मौलाना साद का पता, कोरोना की रिपोर्ट भी नहीं मिली
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80 दिन बाद भी क्राइम ब्रांच नहीं लगा पाई मौलाना साद का पता, कोरोना की रिपोर्ट भी नहीं मिली

कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन तबलीगी जमात मामले में कानून के वो लंबे हाथ छोटे पड़ते दिख रहे हैं.

80 दिन बाद भी क्राइम ब्रांच नहीं लगा पाई मौलाना साद का पता, कोरोना की रिपोर्ट भी नहीं मिली

नई दिल्ली: कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन तबलीगी जमात मामले में कानून के वो लंबे हाथ छोटे पड़ते दिख रहे हैं जिस मरकज में जमा हुए जमातियों की जांच न सिर्फ क्राइम ब्रांच बल्कि ईडी और सीबीआई भी कर रही है, उस मौलाना मौहम्मद साद से पूछताछ करने की हिम्मत कोई नहीं दिखा पा रहा, वो भी तब जब सबको पता है कि वो जाकिर नगर में रह रहा है.

अपनी मर्जी से बड़े आराम से बाहर घूम रहा है, मस्जिद में जाकर नमाज अदा करने का सीसीटीवी भी सामने आ चुका है. लेकिन बावजूद इसके क्राइम ब्रांच ने आज तक मौलाना साद से पूछताछ करने का कोई नोटिस तक नहीं भेजा है. पुलिस का तर्क है कि जब तक मौलाना साद सरकारी अस्पताल से हुआ अपने कोविड के टेस्ट की रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को नहीं दे देता, क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ नहीं करेगी. ऐसे में सवाल उठता है कि जब क्राइम ब्रांच एफआईआर में दर्ज बाकी छह आरोपियों से कई बार पूछताछ कर चुकी है, तो मौलाना साद को किस वजह से पूछताछ से दूर रहने की छूट मिली हुई है.

दिल्ली समेत देश भर में कोरोना फैलाने के आरोपी जमातियों पर क्राइम ब्रांच समेत गृह मंत्रालय ने भी कार्रवाई की और दो हजार से ज्यादा विदेशी जामतियों के वीजा सस्पेंड करके उन्हें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया था. क्राइम ब्रांच ने 956 से ज्यादा विदेशी जमातियों के खिलाफ साकेत कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. लेकिन बावजूद इसके क्राइम ब्रांच या ईडी मौलाना साद से एक सवाल भी नहीं पूछ पाई है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या क्राइम ब्रांच के लंबे हाथ मौलाना साद के रसूख के आगे छोटे पड़ गए हैं. सबसे हैरानी की बात तो ये है जिस एफआईआर में गैर इरादतन हत्या जैसी धारा भी लगाई गई हो उस केस में क्राइम ब्रांच ने किसी एक की भी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.

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