दिल्ली के साउथ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी (South District DCP) अतुल ठाकुर ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि गिरफ्तार किए गए एएसआई का नाम राजबीर सिंह है जो फिलहाल साउथ-वेस्ट की पीसीआर में तैनात था.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) बेहतरीन कार्य के लिए अपने स्टाफ को गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित करती है. लेकिन दिल्ली पुलिस में गैलेंट्री से सम्मानित एक ASI ने ऐसा घिनौना काम किया जिसने दिल्ली पुलिस को ही शर्मसार कर दिया. दिल्ली पुलिस के इस एएसआई (ASI) का नाम एक्सटॉर्शन रैकेट के मास्टमाइंड के तौर पर सामने आया है.
पुलिस ने अब अपने ही विभाग के ASI समेत गैंग के 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. राजबीर सिंह को दिल्ली पुलिस में अच्छे काम के लिए गैलेंट्री मेडल समेत कई सम्मान मिल चुके हैं.
पीसीआर से पहले स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच में थी तैनाती
दिल्ली के साउथ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी अतुल ठाकुर ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि गिरफ्तार किए गए एएसआई का नाम राजबीर सिंह है जो फिलहाल साउथ-वेस्ट की पीसीआर में तैनात था. वहीं राजबीर पीसीआर से पहले स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच में भी ड्यूटी कर चुका है. पुलिस ने बताया कि हौज खास थाने की पुलिस को एक शख्स शिकायत दी. जिसमें उसने कहा कि वो बिल्डर है. उसके बाद 28 जून की सुबह करीब 11 बजे उसके पास एक अनजान नंबर से फोन आया और उस व्यक्ति ने खुद का नाम काला बताया. इसने धमकी देते हुए कहां कि अगर उसको 2 करोड़ नहीं मिले तो वो परिवार को खत्म कर देगा. इसके बाद जिस नम्बर से कॉल आया था पुलिस ने उसकी जांच शुरू की. जांच में समाने आया कि ये नम्बर रोहतक के रहने वाले राममूर्ति नाम के शख्स का है जिसका मोबइल 27 जून को छीन लिया गया था.
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पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर गिरफ्तार किया
कॉल करने वाले ने राममूर्ति के मोबाइल से सिम निकाल कर किसी दूसरे से मोबाइल में डाला फिर रंगदारी के लिए कॉल किया. पुलिस जांच करते हुए उस मोबइल तक पहुंची तब पता चला कि ये मोबाइल तो दिल्ली के सावन नाम के शख्स से मुकेश ने लिया था. जिसके बाद ये मोबाइल हरियाणा के कुख्यात बदमाश काले तक पहुंच गया. फिर काले ने भिवाड़ी से बिल्डर को धमकी भरा कॉल किया था. पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है जिनकी पहचान प्रमोद उर्फ काला, सन्नी, सावन और मुकेश के तौर पर हुई है.
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चारों आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ की इस गैंग में दिल्ली पुलिस का एएसआई भी शामिल हैं. ये सुनते ही दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया. आरोपी प्रमोद काले 3 नम्बरों का इस्तेमाल कर रहा था और इन्हीं नम्बरों से एएसआई राजबीर से भी बात कर रहा था. 14 जुलाई को एएसआई राजबीर सिंह ने बिल्डर को बात करने के लिए भी बुलाया था. उसके बाद आरोपी एएसआई ने पीड़ित बिल्डर का नंबर प्रमोद को दिया. गैंगस्टर प्रमोद से ये भी कहा कि अगर बिल्डर 2 करोड़ न दे तो उसके बेटे की कार पर गोली मार देना. पुलिस ने आरोपी एएसआई राजबीर सिंह को 20 नवम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.