दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने आज दो चार्जशीट दाखिल की है.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने आज दो चार्जशीट दाखिल की है. दोनों चार्जशीट दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल की गई है. पहली चार्जशीट दंगों के मास्टरमाइंड और आम आदमी के पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दाखिल की जा रही है. ताहिर हुसैन पर आरोप है कि उसने चांदबाग इलाके में दंगों की शुरुआत की, उसके घर की छत पर दंगाई जमा हुए और छत से पत्थर, गोलियां और पेट्रोल बम बरसाए गए
पुलिस ने करीब 1030 पन्नों की ये चार्जशीट दाखिल की है. पुलिस ने इसमें ताहिर हुसैन उसके भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है. पुलिस के मुताबिक ताहिर हुसैन ने दंगों से पहले एंटी सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर भी मीटिंग की थी और आरोप के मुताबिक, दिल्ली में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने के दौरान दंगों को लेकर योजना बनाई. इसके लिये JNU में देश विरोधी बयान के लिए आरोप उमर खालिद के साथ भी मीटिंग की गई थी. इस दंगे के लिए ताहिर हुसैन ने 1.10 करोड़ रुपए भी खर्च किए.
पहले इन पैसों को फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया फिर इन पैसे को वहां से निकाल कर दंगों के लिए इस्तेमाल किया गया. दंगों से पहले ताहिर हुसैन ने अपने सर्मथकों को तैयार रहने के लिये कहा, क्योंकि उस इलाके में ताहिर हुसैन का घर सबसे बड़ा है इसलिए उसी के घर की छत को इस्तेमाल किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया जा सके. इतना ही नहीं, दंगों से ठीक पहले घर में लगे CCTV को भी बंद कर दिया गया था ताकि किसी भी तरह के सबूत न मिले.
ये भी पढ़ें: धरती पर कोरोना वायरस का संकट, अंतरिक्ष से 5.2KM/सेकेंड से आ रही आफत
पुलिस ने जांच में पाया कि ताहिर के साथी गुलफाम ने 31 जनवरी को 100 गोलियां खरीदी लेकिन पुलिस को 7 ही बरामद हुई, ताहिर के पास से 22 खाली कारतूस मिले और 64 जिंदा कारतूस बरामद हुए.
दूसरी चार्जशीट पुलिस ने पिंजरा तोड़ एनजीओ और उसमें शामिल लड़कियों के खिलाफ दर्ज की है. आरोप है कि पिंजरा तोड़ की लड़कियों ने महिलाओं को एंटी सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के नाम पर महिलाओं को भड़काया और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे धरने पर बैठे. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने नताशा नाम की महिला को UAPA के तहत गिरफ्तार भी किया है.
इन महिलाओं पर आरोप है कि सुनियोजित तरीके से इन्होंने महिलाओं को भड़काया, जाम लगाया और इस सबके लिए पीएफआई जैसे गुटो सें मीटिंग भी की. ये लोग लगातार पुलिस और सरकार के खिलाफ लोगों को भड़का रहे थे और दंगे में भी शामिल रहे थे.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पहली चार्जशीट शाहरूख के खिलाफ दाखिल की थी जिसने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानी थी. शाहरुख पर दिल्ली हिंसा में शामिल होने का आरोप है और दंगों के बाद जिन लोगों ने उसकी छिपने में मदद की थी उन्हे भी आरोपी बनाया गया था.
दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस ने 700 से ज्यादा मामले दर्ज किए थे और करीब 1300 लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें से करीब 700 लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए. इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे जिसमें 42 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच की 3 SIT कर रही है. इस दंगे में आईबी में काम करने वाले अंकित शर्मा की भी हत्या की गई थी जिसमें आम पार्षद ताहिर हुसैन आरोपी है.
ये भी देखें: