Purniya News: बिहार में दिल्ली पुलिस को लोगों ने बंधक बना लिया. बात ही कुछ ऐसी थी कि मैटर हाथ से बाहर निकल गया. पूर्णिया का एक शख्स अपनी पत्नी के साथ बेडरूम में था अचानक वहां दिल्ली पुलिस पहुंची और पति को रेप का आरोपी बताकर साथ ले जाने लगी. जिसके बाद पूर्णिया में दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी होने लगी और मामले के तूल पकड़ते ही धरना प्रदर्शन और हंगामा शुरू हो गया. बिना बात के बवाल की वजह थी दिल्ली पुलिस की गलती से मिस्टेक, जिसमें उसकी खुद की टीम फंस गई. दरअसल रेप के एक मामले में आरोपी की तलाश में दिल्ली पुलिस पूर्णिया पहुंची थी और इस दौरान ब्लंडर हुआ और पुलिसवालों को बंधक बना लिया गया.


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बेडरूम में घुस गए: पीड़ित


पड़ोसियों की भीड़ जमा हुई और दिल्ली पुलिस की टीम कुछ काबू में आई तो पीड़ित फैमिली ने कैमरे के सामने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा-  'ये लोग जबरदस्ती घुस गए, पूरे बेडरुम के अंदर जाकर बदतमीजी करने लगे. इनके साथ कोई महिला कॉन्सटेबल भी नहीं थी. मेरी पत्नी और मेरा हाथ पकड़कर धक्का दिया. जब मैंने अपना आधार कार्ड दिखाया तो बोले कि गलती से मैं गलत पते पर आ गया.


कृष्णा चौधरी और उनकी पत्नी ने बताया कि वो बेडरूम में थे, अचानक दिल्ली पुलिस उनके वहां जबरदस्ती घुस गई. उनमें से एक वर्दी में था, जबकि बाकी चार सिविल ड्रेस में थे. जब तक हम कुछ पूछते, उन्होंने बीबी की कलाई पकड़ी और जबरन खींचते हुए ले गए.


जब तक पुलिस को अपनी गलती का एहसास होता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. गलत घर में घुसने से नाराज स्थानीय लोगों ने दिल्ली पुलिस को ही बंधक बना लिया.


पुलिस को ये अधिकार किसने दिया?


बिना सर्च वारंट के किसी के मास्टर बेडरूम तो छोड़िए किसी के घर में घुसकर तलाशी लेना बहुत बड़ी बात हो जाती है. हालांकि, यहां लोग थोड़े सभ्य थे इसलिए उन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ कोई हाथापाई या बदसलूकी नहीं की बस गुस्सा ठंडा होने तक उन्हें वहां से जाने नहीं दिया. काफी देर बाद जब बिहार पुलिस  पहुंची. तब जाकर दिल्ली पुलिस के 5 जवानों को छोड़ा गया.


लिखित माफी मांगी


दिल्ली पुलिस को छोड़ने से पहले इन लोगों ने उनसे लिखित में माफी भी मंगवाई. पुलिस की टीम को रेप के एक आरोपी की तलाश थी. जो दिल्ली से भागकर पूर्णिया आ गया था. उसी केस की कार्रवाई के दौरान ये सारा ड्रामा हुआ. हालंकि, बाद में गांव वालों ने ही असली आरोपी को पकड़ने में पुलिस की मदद की.