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नई दिल्ली: बाटला हाउस एनकाउंटर केस (Batla House Encounter Case) में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को दोषी करार दे दिया है. साकेत कोर्ट दोषी आरिज खान की सजा पर 15 मार्च को दोपहर 12 बजे फैसला सुनाएगा. आरिज खान को स्पेशल सेल ने साल 2018 में अरेस्ट किया था. साल 2008 में बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था.
साकेत कोर्ट ने आरिज खान (Ariz Khan) को धारा 186/333/353/302/307/174A/34 Arms Act 27 में दोषी माना है. 19 सिंतबर 2008 को हुए इस एनकाउंटर (Batla House Encounter Case) में आरिज खान और शहजाद पुलिस टीम पर हमला करके फरार हो गए थे. इसमें शहजाद को पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है. जबकि आरिज खान फरवरी 2018 में गिरफ्तार हुआ था जिसके बाद आज उस पर फैसला सुनाया गया.
19 सितंबर 2008 को दिल्ली के बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर (Batla House Encounter) के बाद से आरिज खान उर्फ जुनैद फरार था और नेपाल में छिपा था. एनकाउंटर के दस साल बाद दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी 2018 को आरिज खान को भारत-नेपाल बार्डर के पास यूपी के बानबासा से उस समय गिरफ्तार किया जब वह भारत में दोबारा से इंडियन मुजाहीद्दीन के आतंकियों को भर्ती करने और नए धमाके करने की योजना बनाने के लिए आ रहा था.
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बता दें कि आरिज खान उर्फ जुनैद यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है. दसवीं तक आजमगढ़ में पढ़ाई करने के बाद आरिज खान यूपी के अलीगढ़ में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने चला गया लेकिन फेल हो गया. आरिज खान के साथ दूसरे आतंकी आतिफ अमीन, आसादुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, मिर्जा शादाब बेग, मोहम्मद हाकिम और अजहर भी थे, वो भी फेल हो गए.
यहीं पर पहली बार आरिज खान और इंडियन मुजाहीद्दीन के सरगना आतिफ अमीन की मुलाकात हुई थी. इसके बाद आरिज खान ने 12वीं तक दूसरे स्कूल में पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तैयारी की, लेकिन दाखिला लेने में फेल रहा. इसके बाद आरिज खान दिल्ली में लाजपत नगर में आकर मामा के पास रहने लगा और फिर मुज्जफरनगर में बीटेक में दाखिला लिया.
साल 2005 में इंडियन मुजाहीद्दीन के आतंकी आतिफ अमीन ने आरिज को पाकिस्तान जाकर 40 दिन की हथियार चलाने की ट्रेनिंग के बारे में बताया और आतंकी आमिर रेजा खान की मुलाकात की बात की. इसी के बाद आतिफ अमीन के कहने पर आरिज खान और मिर्जा शादाब बेग जेहाद के लिए इंडियन मुजाहीद्दीन में शामिल हुए.
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पुलिस के मुताबिक, साल 2007 में लखनऊ कोर्ट में आरिज खान ने पहला बम धमाका किया था और ठीक धमाके से 5 मिनट पहले सभी मीडिया हाउस को मेल भेजकर इसकी जानकारी दी थी. जिसके बाद इंडियन मुजाहीद्दीन का नाम पहली बार सामने आया था. नंवबर 2007 में वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ में बम धमाके किए गए थे क्योंकि लखनऊ की कोर्ट में जैश के 3 आतंकियों की वकीलों ने पिटाई की थी.
इसके बाद आरिज ने बाकी आतंकियों के साथ मिलकर साल 2008 में जयपुर, अहमदाबाद, सूरत और दिल्ली में बम धमाकों की योजना बनाई और धमाके किए. इन बम धमाकों में 165 लोगों की मौत हुई थी और 535 घायल हुए थे.
13 सिंतबर 2008 को दिल्ली में बम धमाकों के लिए आरिज खान बड़ा साजिद के साथ दिल्ली की लाजपत राय मार्केट से अलार्म घड़ी, सर्किट वायर, प्रेशर कुकर और दूसरे सामान लाया. फिर आतिफ आमीन के साथ दिल्ली की जीके एम ब्लॉक मार्केट में बम रखा.
19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस को इस बात बात की जानकारी मिली थी कि दिल्ली बम धमाकों के आरोपी बाटला हाउस में रूके हुए हैं. जिसके बाद रेड की गई. इस रेड में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हुए थे, वहीं आतिफ अमीन और छोटा साजिद मारे गए थे. आरिज खान और शहजाद मोहन चंद शर्मा पर गोलियां चलाते हुए भागने में कामयाब हो गए थे. इसी आरोप में शहजाद को उम्र कैद की सजा भी सुनाई जा चुकी है.
बता दें कि बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Encounter) में आरिज खान (Ariz Khan) अपने साथी शहजाद उर्फ पप्पू के साथ पुलिस टीम पर फायरिंग करके फरार हो गया था. इसके बाद आरिज खान देश के कई राज्यों- जैसे यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में छिपता रहा और बाद में अपने चाचा की मदद से नेपाल भाग गया था.
आरिज खान ने निजाम खान नामक एक शख्स की मदद से नेपाल की नागरिकता हासिल कर ली थी. आरिज खान ने नेपाल में मोहम्मद सलीम के नाम से अपना पासपोर्ट बनवाया था. कुछ साल वहां ढाबा चलाने और बच्चों को पढ़ाने के बाद आरिज खान ने पाकिस्तान में बैठे रियाज भटकल से संपर्क किया, जिसने इंडियन मुजाहीद्दीन को फिर से बढ़ाने की बात कही. रियाज भटकल ने आरिज को सऊदी अरब में जाकर सिमी के पुराने लोगों से मिलने और पैसों के लिए जाने को कहा.
साल 2014 में आरिज मजदूरी के काम के बहाने सऊदी अरब गया और 2017 में वापिस नेपाल आया. इसके बाद साल 2018 में भारत आकर इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए आतंकियों को भर्ती करने की कोशिश कर रहा था, जब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने आरिज खान को यूपी में नेपाल बार्डर के पास से गिरफ्तार किया था.
(इनपुट- प्रमोद शर्मा)
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