ED Action In Bank Fraud Case: ईडी (ED) ने बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले में कार्रवाई करते हुए NCP के पूर्व राज्यसभा सदस्य ईश्वर लाल शंकर लाल जैन लालवानी और उनके बेटे और NCP के पूर्व MLC मनीष ईश्वर लाल जैन लालवानी की 315.60 करोड़ की संपत्ति अटैच की है. अटैच की गई संपत्ति में Wind Mills, डायमंड ज्वैलरी, सोना, चांदी और कैश शामिल है. ये संपति महाराष्ट्र के जलगांव, मुंबई, ठाणे, सिलोड़ और गुजरात के कच्छ में है. मनी लॉड्रिंग मामले में अटैच की गई ये 70 संपत्तियां दोनों आरोपी और इनकी कंपनी M/s Rajmal Lakhi Chand Jewellers Pvt Ltd., M/s R L Gold Pvt Ltd., M/s Manraj Jewellers Pvt Ltd के नाम पर हैं. अटैच की गई कई संपत्तियां बेनामी हैं जो किसी दूसरे के नाम पर बनाई गई थीं.


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352.49 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला


बता दें कि एजेंसी ने ये कारवाई SBI बैंक के साथ 352.49 करोड़ की धोखाधड़ी के बाद दर्ज सीबीआई में दर्ज तीन मामलों के आधार पर की थी. इससे पहले ED ने अगस्त 2023 में आरोपियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी और कैश व सोने के साथ काफी सारे दस्तावेज बरामद किए थे. इससे पता चलता है कि आरोपियों ने किस तरह से बेनामी कंपनियों के जरिए निवेश किया हुआ है.


13 जगहों पर ईडी ने की थी रेड


जान लें कि इसी साल 19 अगस्त को ED ने Bank Fraud के मामले में महाराष्ट्र के जलगांव, नासिक और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी कर 1.11 करोड़ कैश और 24.7 करोड़ की ज्वैलरी जब्त की है. ये छापेमारी तीन कंपनियों के डायरेक्टर ईश्वर लाल शंकर लाल जैन लालवानी, मनीष ईश्वर लाल जैन लालवानी, पुष्पा देवी, नीतिका मनीष जैन और इनकी कंपनियां M/s Rajmal Lakhichand Jewelers Pvt Ltd, M/s R.L Gold Pvt Ltd और M/s Manraj Jewelers Pvt Ltd पर की थी. छापेमारी के दौरान आरोपियों के ठिकाने से काफी सारे दस्तावेज भी बरामद किए थे जो लोन के पैसे को डॉयवर्ट कर संपत्तियों को खरीदने में लगाए गए थे.


3 मामलों के आधार होगी कार्रवाई


एजेंसी ने ये कार्रवाई कंपनी और इसके निदेशक के खिलाफ सीबीआई में दर्ज तीन मामलों के आधार पर की थी. आरोपियों के खिलाफ SBI बैंक के साथ 352.49 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है और उसी पर ED ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर अपनी कारवाई शुरू की.


एजेंसी की जांच में पता चला था कि आरोपियों ने अपनी कंपनियों के जरिए फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाई. Rajmal Lakhichand Jalgaon Parternership Firm कंपनी के खातों में 1284 किलोग्राम ज्वेलरी दिखाई गई लेकिन जब खातों की जांच की गई तो सिर्फ 40 किलोग्राम ही ज्वैलरी मिली और बाकी गायब थी. जबकि कंपनी ने बैंक से लोन 1284 किलोग्राम ज्वेलरी दिखा कर लिया था यानी बैंक के साथ धोखाधड़ी की गयी और बाकी ज्वेलरी को फर्जी खरीद-फरोख्त दिखा गायब कर दिया गया. जब आरोपियों से लोन लिए गए पैसों के इस्तेमाल के बारे में पूछताछ की गई तो उसका भी जवाब नहीं दे पाए.


साल 2003 से 2014 के दौरान बैंक ने जो लोन दिया था और जिस मकसद के लिए दिया गया था उसके बारे में ना कोई जानकारी दे पाए और ना ही कोई दस्तावेज पेश कर पाए. 17 अगस्त को जब एजेंसी ने छापेमारी की थी उस दिन तीनों कंपनी का स्टॉक जीरो था जबकि स्टॉक पर बैंक से लोन लिया गया था और ये बैंक के नाम गिरवी है.


जांच में पता चला कि आरोपियों ने बैंक से लिए लोन को फर्जी खरीद-फरोख्त दिखा संपति बनाने में खर्च किए. नया ज्वैलरी का काम शुरू किया, रियल एस्टेट कारोबार में पैसे लगाए. कार डीलरशिप ली और अस्पताल खोलने में खर्च किए. इसके अलावा अपने रिश्तेदारों के नाम से फर्जी कंपनियां बनाई है जिसके जरिए बैंक में नए लोन के लिए भी आवेदन किया.


आरोपियों को मोबाइल की जब जांच की गई तो उसमें से 50 मिलियन यूरो के FDI निवेश से जुड़े दस्तावेज मिले जो लक्जमबर्ग की रियल एस्टेट कंपनी के जिसे मनीश जैन कंट्रोल करता है. इसके अलावा राजमल लखीचंद ग्रुप की कंपनी के नाम से 60 संपतियों के दस्तावेज मिले, जिनकी कीमत करीब 50 करोड़ है और जामनगर और जलगांव में 2 बेनामी संपति के दस्तावेज भी मिले जो राजमल लखीचंद मनीष जैन के नाम से है.


आरोपियों के बारे में एजेंसी का मानना है कि ये महाराष्ट्र के एक राजनितिक दल से भी काफी करीबी संबध रखते है जो कुछ समय पहले तक सत्ता में थी और कुछ ही समय पहले उस पार्टी में अंदरूनी कलह सामने आई थी और उसके कुछ नेता पार्टी से अलग होकर सरकार में शामिल भी हुए.