मरीज की मौत पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा, नर्स व कर्मचारियों के साथ की गई मारपीट
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मरीज की मौत पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा, नर्स व कर्मचारियों के साथ की गई मारपीट

Gaya Samachar: एक संदिग्ध मरीज को लेकर उसके परिजन कोविड अस्पताल पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया और डॉक्टर ने उस मरीज की पल्स देखकर उसको मृत घोषित कर दिया. लेकिन परिजनों को यकीन नही हुआ और वो ऑक्सीजन की बात करने लगे.

 

मरीज की मौत पर परिजनों ने किया जमकर हंगामा.

Gaya: देश मे कोरोना महामारी को लेकर जहां एक तरफ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं मौत के भी आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. इससे बिहार के गया जिले में भी कोरोना संक्रमित मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं. क्योंकि यहां भी हर दिन दर्जनों की संख्या में कोरोना से मौत हो रही हैं और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हर दिन कोई न कोई हंगामा हो रहा है जो अन्य मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन रहा हैं.

मगध प्रमंडल के एक मात्र कोविड डेडिकेटेड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में जहां भी देखें हर तरफ सिर्फ और सिर्फ कोरोना ही कोरोना नजर आ रहा है. कोई ठीक होकर अपने घर जा रहा है तो किसी की सांसें बंद हो जा रही हैं और वो इस दुनिया को छोड़कर काल के इस मुंह में समा जा रहे हैं.

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वहीं, कितने ऐसे मरीज आते हैं जो इलाज के लिए पहुंचकर चौखट पर ही दम तोड़ देते हैं. ऐसी ही घटना कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में देखने को मिली जब एक संदिग्ध मरीज को लेकर उसके परिजन कोविड अस्पताल पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया और डॉक्टर ने उस मरीज की पल्स देखकर उसको मृत घोषित कर दिया. लेकिन परिजनों को यकीन नही हुआ और वो ऑक्सीजन की बात करने लगे. जब डॉक्टर ने दुबारा जांच की तो फिर उसको मृत ही घोषित किया. जिसके बाद मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने पूरे अस्पताल में जमकर बवाल काटा है. 

परिजनों ने पहले फ्लू रजिस्ट्रेशन काउंटर के शीशे को तोड़ा फिर रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ड्यूटी कर रहे एक क्लर्क, एक फार्मासिस्ट और एक नर्स के साथ मारपीट की जिसमे कार्य कर रहे सभी कर्मियों को मामूली चोटें आई है. वहीं हंगामा करने और तोड़फोड़ करने के बाद अस्पताल प्रशासन के द्वारा मामले को शांत कराया गया और मृत घोषित व्यक्ति के शव को लेकर परिजन अपने घर चले गए. घटना की सूचना के बाद मौके पर मगध मेडिकल थाना पुलिस बल और सिटी एसपी राकेश कुमार अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने फ्लू काउंटर के तोड़े गए शीशे को देखा व काउंटर पर ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों से पूछताछ की और घटना के संबंध में सभी तरह की जानकारी को प्राप्त किया.

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घटना के संबंध में सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि 'आज मगध मेडिकल कॉलेज में तकरीबन 3 तीन बजे के आसपास एक मरीज आए थे जिनको अस्पताल लाने के क्रम में मौत हो गई थी. इसके बाद आक्रोशित परिजनों के द्वारा हंगामा किया गया था. जिसकी सूचना पर हम लोग यहां आए हैं और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है. साथ ही प्रभारी अधीक्षक ने देखा है कि कोई गलती तो नही हुई है. लेकिन ऐसी कोई भी गलती नही हुई है. जो भी निर्देश दिए गए हैं सरकार के द्वारा और जिला प्रशासन के द्वारा भी उसका पालन करवाने का निर्देश दिया गया है. वहीं हमलोगों ने सुरक्षा व्यवस्था का भी रिव्यू किया है और जो बल को तैनात किया गया था उसको बढ़ने का निर्देश दिया है. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. उसके बाद अगर कोई कमी आती हैं तो उस पर हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'हम आपके माध्यम से अपील करते हैं कि हिंसा को अपनाए नही क्योंकि सारे लोग लगे हुए हैं. धर्य रखे और अपनी-अपनी बारी का इंतजार करें. हिंसा से किसी को कुछ लाभ नही हो सकता है. सभी पुलिस जवानों को भी निर्देश दिया है कि मरीजों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है.'

इस संबंध में प्रभारी अधीक्षक प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना यह हुई कि एक मरीज आया और आने के बाद मरीज के परिजन जल्दी-जल्दी में इलाज करवाना चाह रहे थे लेकिन मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने के पहले हो चुकी थी. मौत के बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और अस्पताल के कर्मी के द्वारा मरीज के परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया गया. इसी बीच मृतक के परिजनों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर को तोड़ दिया. पूरे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल हो गया जिसकी सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची. हमने पुलिस अधिकारी से कहा कि ऐसी घटना ना हो इसके लिए आपके सहयोग की आवश्यकता है, उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसी घटना अब नहीं होगी. वहीं मृतक के परिजनों ने कार्य कर रही नर्सों, फॉर्मेटिस व क्लर्क के साथ भी मारपीट की जो बहुत ही गलत हुआ है और हमारे मनोबल को भी तोड़ने का प्रयास किया गया है. जहां तक सुविधा देने की बात थी तो हर कोई इस कार्य मे लगा हुआ है और लगे रहने के बाद भी हर किसी के पास डर होता हैं. लेकिन फिर भी हमलोग काम कर रहे हैं. मरीज पहले जैसे सोचते थे कि मरीज आए और हमलोग लग गए मगर अब डिस्टनसिंग का भी ख्याल रखना पड़ता है जो बहुत ही दुखद घटना है.'

(इनपुट- जय प्रकाश कुमार)

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