दिल्ली में ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट का भंडाफोड़, 5 लाख रुपये में लगाते थे मासूम की बोली
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दिल्ली में ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट का भंडाफोड़, 5 लाख रुपये में लगाते थे मासूम की बोली

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो मानव तस्करी के काले धंधे में शामिल था. पुलिस ने गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से दो मासूम बच्चे भी बरामद हुए हैं. इस गैंग के लोग कपल को टारगेट कर बच्चों को 5 से 8 लाख रुपये में बेच देते थे.

दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी गैंग का किया खुलासा कर 4 महिला समेत 8 लोगों को किया गिरफ्तार।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो मानव तस्करी (Human Trafficking) के काले धंधे में शामिल था. पुलिस ने गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से दो मासूम बच्चे भी बरामद हुए हैं. 

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने इस मामले में कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी की है. आरोपियों की पहचान जनकपुरी निवासी दीपा (22), पिंकी (29), शकूरपुर बस्ती निवासी गोपाल उर्फ पंकज (35), पालम निवासी गीता रंधावा (45), पालम निवासी मनोज कुमार (27), सृष्टि (26), तिलक नगर निवासी ज्योति गोयल  (37) व तिलक नगर निवासी मुरारी लाल (41) के तौर पर हुई. इसके साथ ही यूनिट ने एक 3 महीने और डेढ़ महीने के बच्चे को भी बरामद किया है. बता दें कि क्राइम ब्रांच की ये यूनिट मानव तस्करी करने वालों के खिलाफ एक्शन लेती है और अब तक कई सौ बच्चों को परिवार से भी मिला चुकी है.

गुरुग्राम से चोरी किए थे बच्चे
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सेक्टर 12-गुरुग्राम में रहने वाली प्रीति नाम की महिला ने 3 महीने के बेटे की किडनैपिंग की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस को बताया गया वह भीख मांगकर जीवन यापन करती है. उसके पति स्वीपर हैं. 22 अक्टूबर को वह मोती बाग गुरुद्वारे के मैन गेट पर बैठी हुई थी, तभी वहां एक अनजान महिला ने उससे बात करनी शुरू कर दी. उसने बच्चे का ख्याल रखने की बात कही, जिस पर विश्वास कर वह गेट पर खाना लेने चली गई. कुछ देर बाद जब वह वापस लौटी तो महिला और बच्चे दोनों ही गायब थे.

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5 से 8 लाख रुपये में बेच देते थे बच्चा
इस गैंग के लोग प्राइवेट आईवीएफ सेंटर या अस्पताल जाकर उन दंपत्तियों के बारे में जानकारी हासिल करते, जिनके बच्चे नहीं हो रखे थे. इसके बाद वे उन्हीं कपल को टारगेट कर बच्चों को 5 से 8 लाख रुपये में बेच देते थे. इस तरह से वे कई बच्चों को निसंतान दंपत्तियों को बेच चुके थे. अब पुलिस इस बात को भी ध्यान में रखकर आईवीएफ सेंटर या नर्सिंग होम के लिंक को खंगाल रही है. कहीं बच्चों को बेचने के इस गोरखधंधे में उनका भी तो कोई रोल नहीं है. यह सब पुलिस अब वैरिफाई कर रही है.

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ऐसे पकड़ा गया पूरा गैंग
इस बारे में साउथ कैंपस थाने में केस दर्ज किया गया था. जबकि मामले की जांच में क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी जुट गई. रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी बस ट्रमिनल, गुरुद्वारे आदि में जाकर खोजबीन की गई. इस बीच 19 नवंबर को इनपुट मिला कि गोपल उर्फ पंकज मानव तस्करी करने वाले गैंग को चला रहा है. वह शकूरपुर का रहने वाला है. पुलिस को इस गैंग में शामिल गीता रंधावा नाम की महिला के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उसके पास से तीन महीने का बच्चा बरामद कर लिया, जबकि डेढ़ महीने के बच्चे को ज्योति गोयल के पास से बरामद किया. पुलिस ने इन दोनों महिलाओं समेत पंकज को भी हिरासत में ले लिया.

पूछताछ में गीता ने खुलासा किया 20 तारीख को पंकज और पिंकी ने मोती बाग गुरद्वारे के पास से बच्चे को किडनैप किया था. आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने एक एक-एक कर गैंग में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपी गोपाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर रखी है. पहले वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था, लेकिन उससे मिलने वाली आय से वह संतुष्ट नहीं था. उसने दो शादी की थी. विवाद होने पर उसने पहली पत्नी को छोड़ दिया था. गीता रंधावा के संपर्क में आकर वह दिल्ली के कई इलाकों से बच्चे चुराने या किडनैप करने का काम करने लगा. गोपाल और गीता पति-पत्नी है. 

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