Jaipur: नगर निगम जयपुर हैरिटेज और ग्रेटर में सोमवार को भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर हुआ है. यह मामला शहर में मीट की दुकानों का लाइसेंस जारी करने और चैनपुरा स्थित स्लॉटर हाउस में पशुओं को काटने के लिए जारी होने वाली पर्ची को लेकर हो रही अवैध वसूली का है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) जयपुर की स्पेशल टीम ने कार्रवाई करते हुए एक पशुधन सहायक सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. 


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एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में गठित टीम ने यह कार्रवाई की. पिछले एक महीने से मिल रही शिकायतों के बाद एसीबी इसकी निगरानी कर रही थी. इसके बाद आज ट्रेप किया गया.
नगर निगम ग्रेटर के इलाके में मीट की दुकानें संचालित करने की एवज में एक व्यापारी से 6 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी.


इसमें साढ़े चार हजार रुपए पशुधन सहायक जितेंद्र वर्मा ने ले लिए. बाकी डेढ़ हजार रुपए अपने स्टॉफ में बांट दिए. इनमें 500 रुपए की रिश्वत दलाली कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजकुमार ने ली. उसने शिकायतकर्ता पीड़ित से रिश्वत में एक महंगी शराब की बोतल भी ली.


वहीं, भ्रष्टाचार का दूसरा मामला जयपुर हैरिटेज का है. जहां से एसीबी ने स्लाटर हाउस में बाबू अनिल और एक ठेकाकर्मी कलील को धरदबोचा. जानकारी के अनुसार पशु काटने के लिए चैनपुरा में स्लॉटर हाउस है. पशुओं को यहीं काटना पड़ता है. इसके लिए शुल्क जमा करवाने के लिए एक पर्ची कटती है. लेकिन बाबू अनिल और कलील मिलकर पर्चियां काटने में हेरफेर कर अवैध वसूली कर रहे थे.


वहीं, जिन बकरों को काटने के लिए पर्चियां जारी की गई, वे कम मिली. जबकि शहर में रोजाना कई जगहों पर बकरे काटे जा रहे थे. भ्रष्टाचार के इस खेल में स्लॉटर हाउस के इंचार्ज वेटेनरी डॉक्टर की भूमिका संदिग्ध है. उसकी जांच की जा रही है.