झारखंड सरकार गिराने की साजिश का सामने आया महाराष्ट्र कनेक्शन, महाराष्ट्र बीजेपी के 2 और झारखंड के 3 विधायक सवालों के घेरे में
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झारखंड सरकार गिराने की साजिश का सामने आया महाराष्ट्र कनेक्शन, महाराष्ट्र बीजेपी के 2 और झारखंड के 3 विधायक सवालों के घेरे में

हेमंत सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनसे पूछताछ में अब मामले में महाराष्ट्र कनेक्शन सामने आया है. 

 

झारखंड सरकार गिराने की साजिश का महाराष्ट्र कनेक्शन. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Ranchi: हेमंत सरकार गिराने की साजिश के पर्दाफाश होने के बाद इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में महाराष्ट्र बीजेपी के दो विधायकों का नाम सामने आ रहा है. गिरफ्तार आरोपी के कबूलनामा में यह खुलासा हुआ है कि झारखंड कांग्रेस के विधायकों के साथ डील हो रही थी और एक करोड़ रुपये एडवांस देने की बात हुई थी. आपको बता दें कि 15 जुलाई को कांग्रेस के 2 विधायक इरफ़ान अंसारी और उमाशंकर अकेला के साथ एक निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव दिल्ली गए थे. 

पूछताछ में खुलासा हुआ कि इरफ़ान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अमित कुमार यादव के साथ गिरफ्तार आरोपी अमित सिंह, निवारण महतो और अभिषेक दुबे तीनों दिल्ली गए थे. दिल्ली एयरपोर्ट पर जय कुमार नाम शख्स ने उन्हें रिसीव किया. रांची से दिल्ली जाने के लिए विधायक अमित कुमार यादव को टिकट जय कुमार ने ही भेजा था. जय कुमार महाराष्ट्र बीजेपी विधायक का भांजा है. पुलिस को आरोपियों ने बताया है कि महाराष्ट्र के दोनों विधायकों से मुलाकात के साथ-साथ बीजेपी के कुछ और बड़े नेताओं से उनके आवास पर दिल्ली में मुलाकात हुई थी.

वहीं इस मामले में नाम आने के बाद कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अमित कुमार यादव ने अपनी ओर से सफाई दी है. सभी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया. जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के मुताबिक यह बीजेपी की साजिश है, और इस साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के कुछ लोग हैं, जो उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का प्रपंच रच रहे हैं. इरफान अंसारी ने कहा कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं और जब तक जिंदा रहूंगा कांग्रेस का सिपाहसलार बना रहूंगा.

वहीं कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा की जहां तक बात सरकार गिराने की है, तो एक-दो विधायकों के चाहने से कुछ होने वाला नहीं है, जब तक कि 12-13 विधायक सरकार के खिलाफ नहीं होते, तब तक ऐसी कोई संभावना नहीं बन सकती. वहीं करोड़ रुपए लेने की बात पर विधायक उमाशंकर अकेला बिफर पड़े और कहा कि ऐसा मैं कभी नहीं कर सकता और इस आरोप को सिरे से खारिज करता हूं.

इधर, निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव ने अपनी सफाई में कहा की वो अपने निजी काम से दिल्ली गए थे, लेकिन यह विडंबना है कि उसी फ्लाइट से आरोपी भी सफर कर रहा था, जबकि मैं उसे जानता तक नहीं, और जिस होटल का नाम इस पूरे मामले में आ रहा है, उस होटल में भी मैं कभी नहीं गया,  उसका सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा सकता है. अमित कुमार यादव ने कहा की जहां तक बात सरकार गिराने की है, तो मेरा इसमें कहीं कोई हाथ नहीं है, जबकि विभिन्न दलों से समय-समय पर मुझे ऑफर आता रहा है, लेकिन मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है.

झारखंड में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में महाराष्ट्र बीजेपी के दो नेताओं के नाम आने के बाद उनकी ओर से भी सफाई सामने आयी है. महाराष्ट्र बीजेपी नेता चंद्रकांत बावनकुले ने झारखंड सरकार गिराने की साज़िश के आरोपों को हास्यास्पद और कपोल-कल्पित बताया. बावनकुले ने कहा कि वो कभी झारखंड नहीं गए, ना ही झारखंड के इतिहास – भूगोल के बारे में उन्हें कोई जानकारी है. उन्होंने कहा की वो पार्टी के छोटे से कार्यकर्ता हैं, और किसी राज्य की सरकार गिराने की उनकी औकात नहीं है.

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में पहली प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ज़ी बिहार झारखंड की ख़बर को रिट्विट कर संकेत दिए की यूपीए फ़ोल्डर के सभी विधायक एकजुट हैं. 

वहीं सत्ता पक्ष ने इस मामले में एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला और अपने विधायकों को एकजुट बताया. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय के मुताबिक विधायकों को खरीदने की जो कोशिश हुई, इसकी शुरुआत जनवरी महीने में ही हो गयी थी.  कांग्रेस के जो तीन सॉफ्ट टारगेट विधायक उन लोगों की नजर में दिख रहे थे, वो लोग भी बिके नहीं, प्रयास जरूर किया गया. मनोज पांडेय ने कहा की उन्हें पूरा विश्वास है कोई कितनी भी कोशिश कर ले, कोई नहीं बिकेगा और आखिर में वो ही लोग फंसेंगे.

जबकि कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा की अभी तक ये साफ नहीं है कि हमारे विधायक बिक चुके हैं, हां ये जरूर है कि कांग्रेस के विधायक, बीजेपी नेताओं के टारगेट पर है, और उनको पद, प्रतिष्ठा और मंत्री पद का प्रलोभन दिया जा रहा है, इसके बावजूद हमारे विधायक एकजुट हैं.

वहीं विधायकों के खरीद फरोख्त से जुड़े मामले में गिरफ्तार लोगों के खुलासे पर बीजेपी ने एक बार फिर पलटवार करते हुए मामले की SIT जांच की मांग की. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा की आरोप की उच्च न्यायालय की निगरानी में SIT जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आए कि ये मामला विधायकों की खरीद-बिक्री से जुड़ा है या फिर शराब से जुड़ा है, क्योंकि चर्चा तो ये भी है कि ये मामला शराब के ठेका मैनेज करने से जुड़ा है.

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