Digital Arrest: कोरोनाकाल में पूरे देश ने मानी थी PM मोदी की बात, फिर डिजिटल अरेस्ट के 'वायरस' की चपेट में क्यों आ रहे लोग
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Digital Arrest: कोरोनाकाल में पूरे देश ने मानी थी PM मोदी की बात, फिर डिजिटल अरेस्ट के 'वायरस' की चपेट में क्यों आ रहे लोग

Digital Arrest news: धोखाधड़ी करने वालों ने 61 लाख रुपए मिलने के बाद एक चांस और मारा और अंदाजे से नया डर दिखाते हुए और कैश मांगा तब जाकर उन्हें शक हुआ और वो मदद मांगने थाने पहुंचे. इस तरह डिजिटल अरेस्ट के इस केस का खुलासा हुआ. 

Digital Arrest: कोरोनाकाल में पूरे देश ने मानी थी PM मोदी की बात, फिर डिजिटल अरेस्ट के 'वायरस' की चपेट में क्यों आ रहे लोग

Digital Arrest latest case: साइबर फ्राडियों ने लोगों की नाक में दम कर दिया है. आए दिन अलग-अलग तरीकों से धोखाधड़ी हो रही है. रिजर्व बैंक से लेकर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और अमिताभ बच्चन जैसे सेलिब्रेटी जाकरूकता फैला रहे हैं, इसके बावजूद खून पसीने की गाढी कमाई लोगों के हाथ से रेत की तरह फिसलती जा रही है. यहां बात धीरे धीरे महामारी बन रहे डिजिटल अरेस्ट की जिसकी चपेट में शायद देश में हर घंटे कोई न कोई इसका शिकार हो रहा है. कुछ लोकलाज में तो कुछ बदनामी के डर से ऐसे मामले रिपोर्ट नहीं करते होंगे. ताजा मामला गुजरात में नाडियाड (Nadiad) जिले का है, जहां एक बुजुर्ग दंपत्ति को उसके बच्चों की गिरफ्तारी का डर दिखाकर लाखों रुपये वसूल लिए गए.

'मुंबई से सीबीआई अफसर बोल रहा हूं... कोर्ट का वारंट है'

इस मामले में आरोपियों ने बुजुर्ग दंपत्ति से फोन करके कहा कि आपके बेटे ने चीन से पार्सस मंगाया है. उसमें प्रतिबंधित ड्रग्स बरामद हुआ. कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को दी गई है. आपका बेटा फोन नहीं उठा रहा है... हम उसे अरेस्ट करने आ रहे हैं. खबरदार ये बात उसे मत बताइयेगा वरना आप भी कानूनी कार्यवाई के दायरे में आ जाओगे. ये बात सुनकर दोनों डर गए. फर्जी सीबीआई अफसर ने पहले 10 लाख और उसके बाद अफसरों को मनाने के नाम पर थोड़ा बहुत ऊपर नीचे का खर्च आने की बात कहकर केस रफा दफा करने का लालच दिया. फ्राडिये के झांसे में आकर बुजुर्ग ने पहले 11 लाख रुपए दे दिए. बाद में उसने केस बंद करने के लिए 50 लाख की डिमांड की तो उन्होंने वो भी दे दिए और ये सोंच कर राहत की सांस ली की बुढापे में बेटा कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ेगा. उनकी आंखों के सामने रहेगा. 

जब तीसरी बार पैसे मांगे तब गए थाने

धोखाधड़ी करने वालों ने 61 लाख रुपए मिलने के बाद एक चांस और मारा और अंदाजे से नया डर दिखाते हुए और कैश मांगा तब जाकर उन्हें शक हुआ और वो मदद मांगने थाने पहुंचे. इस तरह डिजिटल अरेस्ट के इस केस का खुलासा हुआ. 

आपको बताते चलें कि पीएम मोदी भी अपने मन की बात में डिजिटल अरेस्ट के बारे में लोगों को समझा चुके हैं. वो खुद कह चुके हैं कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार का कोई भी अफसर या कोई भी पुलिसवाला ऐसे किसी से पैसे नहीं मांग सकता है ये सब फ्राड करने वाले लोग हैं. फिर भी उनकी समझाइश और अन्य सलाहों का लोगों पर असर नहीं हो रहा है. ऐसे में ज़ी न्यूज़ भी अपने दर्शकों और पाठकों से अपील करता है कि अगर आपके पास भी ऐसा कोई फोन आए तो बिना डरे बहादुरी से बात करें और फोन काट दें या किसी दूसरे फोन से उसकी फोटो और वीडियो रिकॉर्ड करके संबंधित थाने और मीडिया में जानकारी दें. किसी भी तरह के झांसे में न आएं. सीधे किसी अनजान के खाते में पैसे ट्रांसफर न करें.  

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