चाइल्ड पोर्नोग्राफी के जरिए पैसा कमा रहा था इंजीनियरिंग का छात्र, महिला समेत 6 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि कुछ लोग पैसे कमाने की खातिर मासूम बच्चों की अश्लील तस्वीरों को लगातार सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: मासूम बच्चों की अश्लील तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक इंजीनियरिंग के छात्र और महिला समेत छह ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी मासूम बच्चों की अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे थे. दरअसल दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि कुछ लोग पैसे कमाने की खातिर मासूम बच्चों की अश्लील तस्वीरों को लगातार सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, इन्हीं शिकायतों के आधार पर साइबर सेल की यूनिट ने जांच करना शुरू किया,
साइबर सेल ने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म से जानकारी जुटाने शुरू की और उसी जानकारी को इकट्ठा करते हुए पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि इन छात्रों ने 19 साल के एक लड़के की सोशल मीडिया पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाई हुई थी और उसी प्रोफाइल का इस्तेमाल यह लोग मासूम बच्चों की अश्लील तस्वीरों और वीडियो को अपलोड करने के लिए करते थे.
फिलहाल पुलिस इन से लगातार पूछताछ कर रही है इनके पास से पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड भी बरामद किए हैं.दरअसल हाल ही में, NCRB और NCMEC के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया था, और इस MoU के तहत, NCMEC साइबर विप्लव शिकायतें / बच्चों के खिलाफ यौन आपत्तिजनक सामग्री की जानकारी प्रदान कर रहा है,
जिसे फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा या अपलोड किया जा रहा है. आदि, एनसीआरबी को इसके लिए, NCMEC इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से निकट समन्वय में काम करता है. CyPAD, उसी के लिए नोडल एजेंसी होने के नाते, इस तरह के इनपुट का तत्काल संज्ञान लिया और तकनीकी इनपुट के आधार पर अपराधियों की पहचान के लिए कई टीमों का गठन किया गया.
ऑपरेशन MASOOM के तहत, इन CyberTipline निविष्टियों पर कई मामले दर्ज किए गए थे और साथ ही आरोपी व्यक्तियों का पता लगाने के लिए एक साथ मैनहंट शुरू किया गया था. उसी ऑपेरशन में छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
जब इन लोगों से पूछताछ की गई तब पूछताछ में उन्होंने बताया कि इन्हें मासूम बच्चों की अश्लील तस्वीरें और वीडियो व्हाट्सएप के माध्यम से मिलती हैं और उसके बाद यह लोग उन तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर अपलोड कर देते है या फिर उन्हें आगे फॉरवर्ड कर देते हैं.