Mukhtar Ansari जल्द लाया जाएगा Uttar Pradesh, Punjab Police ने तलब की 3 साल पुरानी CFSL रिपोर्ट
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Mukhtar Ansari जल्द लाया जाएगा Uttar Pradesh, Punjab Police ने तलब की 3 साल पुरानी CFSL रिपोर्ट

Mukhtar Ansari: जांच में पता चला कि मुख्तार अंसारी ने जिस मोबाइल नंबर से उमंग को कॉल की थी वह यूपी के वाराणसी में रहने वाली एक महिला उस्मान बेगम के नाम पर जारी किया गया था.

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो) | फोटो साभार: PTI

निकिता माहेश्वरी, मोहाली: कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को यूपी भेजने की तैयारियां तेज होती नजर आ रही हैं. 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोहाली पुलिस भी हरकत में दिख रही है. मोहाली के नामी बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मोहाली पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया. मुख्तार अंसारी की वॉयस सैंपल रिपोर्ट जिसे लेने के लिए मोहाली पुलिस ने बीते तीन साल में एक बार भी दिलचस्पी नहीं दिखाई, अब सेक्टर-36, चंडीगढ़ की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) से तुरंत जारी करवा ली गई है.

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को यूपी भेजने की तैयारियां तेज

फिरौती मांगने की आवाज मुख्तार अंसारी की ही है. यह साफ होते ही पुलिस (Police) ने उसके खिलाफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमआईसी) अमित बख्शी की कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया. वहीं मोहाली कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का संज्ञान लेते हुए मुख्तार अंसारी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने वकील राज सुमेर के जरिए अपनी तबीयत ठीक ना होने का हवाला देते हुए जेल के अधिकारियों का मेडिकल बोर्ड बनाने की अपील की थी.

इससे साफ जाहिर होता है जो काम तीन साल से पेंडिंग थे उन्हें सुप्रीम कोर्ट के नोटिस में आते ही तुरंत कर दिया गया. मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि 29 मार्च 2020 को अंसारी को मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ा था और तब से वह सीने के गंभीर दर्द से पीड़ित है. वकील ने आगे बताया कि मुख्तार अंसारी को दो बार हार्ट अटैक पड़ चुका है.

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मुख्तार अंसारी के वकील ने क्या कहा?

वहीं मुख्तार अंसारी के वकील ने याचिका में 26 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का जिक्र करते यह भी कहा कि मऊ के विधायक को अपनी सेहत के चलते सफर करने में परेशानी है और उसका इलाज मोहाली के एक मान्यता प्राप्त सरकारी मेडिकल अस्पताल में करवाया जाए.

गौरतलब है कि कोर्ट ने 31 मार्च को सुनाए अपने फैसले में कहा कि आरोपी के इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने जैसा अलग से कोई निर्देश पास करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट की तरफ से भी किसी के जवाब की जरूरत नहीं है क्योंकि जेल सुपरिटेंडेंट की ड्यूटी बनती है कि वह आरोपी को उसकी मेडिकल स्थिति के हिसाब से मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं.

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वहीं कोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि इस मामले में मुख्तारी अंसारी न्यायिक हिरासत में हैं इसलिए जेल सुपरिटेंडेंट सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों अनुसार आरोपी की हिरासत को यूपी में तब्दील करते समय जिक्र करे कि उसको वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश किया जाए.

चालान में हुआ ये खुलासा

कोर्ट में पेश किए गए चालान के अनुसार, 7 जनवरी 2019 को मोहाली सेक्टर-70 के रहने वाले नामी बिल्डर उमंग जिंदल को मोबाइल नंबर 6390407709 से कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने खुद को मुख्तार अंसारी बताया और फिरौती के लिए धमकी दी. उसके बाद उमंग ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले की शिकायत की थी.

फिर अगले ही दिन मटौर पुलिस स्टेशन में मुख्तार अंसारी के खिलाफ फिरौती मांगने का केस दर्ज कर लिया गया था. जांच में पता चला कि मुख्तार अंसारी ने जिस मोबाइल नंबर से उमंग को कॉल की थी वह यूपी के वाराणसी में रहने वाली एक महिला उस्मान बेगम के नाम पर जारी किया गया था.

इसके बाद मोहाली पुलिस जब वाराणसी जाकर उस्मान बेगम की तलाश में पहुंची तो पता चला कि उसकी कई साल पहले ही मौत चुकी है और वह फोन नंबर उसने कभी इस्तेमाल ही नहीं किया. यानी कि उस्मान बेगम के जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके नंबर लिया गया था जिससे फिरौती मांगी गई थी. पुलिस ने अपने चालान में उसी
27 सेकेंड की कॉल को आधार बनाया है, जिसमें मुख्तार अंसारी ने उमंग से मोबाइल कॉल पर 27 सेकेंड बात की थी.

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