Sandeshkhali Shahjahan Sheikh: पश्चिम बंगाल का संदेशखाली बीते कई दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. इसकी सबसे बड़ी वजह है टीएमसी का नेता रहा शाहजहां शेख. गिरफ्तारी के बाद भी शाहजहां शेख की हेकड़ी कम नहीं हो रही थी. बंगाल पुलिस उसे वीआईपी ट्रीटमेंट देती रही. कहने वाले यह भी कह रहे थे कि ममता सरकार संदेशखाली के कथित कुख्यात को बचाने की कोशिश कर रही है. कहीं न कहीं यह बात इससे भी जाहिर होती है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस ने शेख को सीबीआई के हवाले नहीं किया था. लेकिन अब सीबीआई कस्टडी में शाहजहां की हालत फटेहाल है.


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55 दिन बाद हुई थी गिरफ्तारी


संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था. 55 दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शाहजहां के ठिकाने पर छापेमारी की थी. इस दौरान शेख की समर्थक भीड़ ने अधिकारियों पर हमला बोल दिया था. इसकी आड़ में शाहजहां शेख फरार हो गया. गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार चाह रही थी कि आरोपी की जांच राज्य पुलिस और सीआईडी करे.



शेख की कस्टडी पर छिड़ी जंग


29 फरवरी को शेख की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी कस्टडी को लेकर बंगाल सरकार और केंद्रीय एजेंसियों में कोल्ड वार देखने को मिल रहा था. शेख की कस्टडी सीबीआई को दिलाने के लिए ईडी ने पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट का रुख किया. मंगलवार को हाईकोर्ट ने ममता सरकार को आदेश दिया था कि शहजहां शेख को और मामले से जुड़े सभी दस्तावेज बंगाल पुलिस शाम साढ़े 4 बजे तक सीबीआई के हवाल करे.


ममता सरकार ने नहीं माना हाईकोर्ट का आदेश


हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब सीबीआई की टीम शाहजहां शेख की कस्टडी लेने सीआईडी दफ्तर पहुंची अलग ही नजारा देखने को मिला. बंगाल पुलिस और सीआईडी ने शाहजहां शेख को सीबीआई को नहीं सौंपा. इससे यह स्पष्ट है कि शाहजहां शेख बंगाल सरकार के लिए कितना जरूरी है. या उसके पास कुछ ऐसे राज दबे हैं जो बंगाल पुलिस या ममता सरकार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.


सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका


हाईकोर्ट के आदेश को रुकवाने के लिए ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया था. इधर, ईडी ने बुधवार को एक बार फिर हाईकोर्ट का रुख किया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने फिर कड़े रुख में राज्य सरकार को शाहजहां की कस्टडी सीबीआई को सौंपने को कहा. 


शेख को सीबीआई को सौंपना पड़ा


जिसके बाद विवश होकर बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपना पड़ा. गौर करने वाली बात यह है कि जब तक शेख बंगाल पुलिस की कस्टडी में था, उसके चेहरे पर रौनक थी. उसके हाव-भाव से नहीं लग रहा था कि उसे गिरफ्तारी का डर है. लेकिन जब सीबीआई की कस्टडी में पहुंचा तो उसकी भीगी बिल्ली सी हो गई. मामले में आगे की जांच अब सीबीआई करेगी. कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में सीबीआई की पूछताछ में शाहजहां शेख कई बड़े राज उगल सकता है.


निकल गई शाहजहां शेख की हेकड़ी


बता दें कि शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने, धोखाधड़ी और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं. 55 दिन की फरारी के बाद पुलिस ने उसे कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था. टीएमसी ने भले ही उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन अब भी पार्टी में उसकी पकड़ मजबूत बताई जा रही है.