थैलियम जहर का असर बहुत धीमा होता है. वरुण ने इसी जहर का इस्तेमाल कर अपनी पत्नी, सास और साली की हत्या कर दी है. हालांकि वरुण के ससुर इकलौते ऐसे शख्स हैं जो इस अटैक के बाद जीवित बच पाए हैं.
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नई दिल्ली: कुछ दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) से अंधविश्वास का एक ऐसा केस सामने आया था, जिसने सभी को हिला कर रख दिया था. जी हां, हम वरुण अरोड़ा के केस की बात कर रहे हैं, जिसने मछली में खतरनाक थैलियम जहर मिलाकर अपनी पत्नी और ससुराल वालों को खिला दिया था, जिसके बाद दो लोगों की मौत हो गई. जबकि 40 दिन कोमा में रहने के बाद पत्नी ने भी शुक्रवार को दम तोड़ दिया.
दरअसल, 31 जनवरी को करीब 3 बजे वरुण मछली बनाकर अपने ससुराल पहुंचा था. उस वक्त घर पर उसकी सास अनिता और ससुर देवेंद्र थे. उसने अपनी पत्नी समेत सभी को मछली खिलाई, लेकिन खुद उसे खाने से मना कर दिया, और अपने दोनों छोटे बच्चों को दूध पिलाने का बहाना बनाकर अंदर चला गया. इसके बाद वो अपनी साली प्रियंका का इंतजार करता रहा जो उस दिन अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी. जब शाम करीब 5 बजे वो वापस आई तो 7 बजे करीब उसने प्रियंका को जहरीली मछली खिलाई और खुद जबड़े में दर्द होने का बहाना बना दिया.
जहरीली मछली खाने से सबसे पहले प्रियंका की तबीयत खराब हुई और उसे 4 फरवरी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी 15 फरवरी को मौत हो गई. फिर सास अनिता की तबीयत खराब हुई और उन्हें 4 मार्च को अस्पताल में एडमिट कराया गया. इलाज के दौरान 21 मार्च को उनकी मौत हो गई. जबकि वरुण की पत्नी दिव्या पिछले 40 दिनों से कोमा में थी, लेकिन शुक्रवार को उसकी भी मौत हो गई. हालांकि ससुर देवेंद्र शर्मा को वरुण की हरकत का पता चल गया. 23 मार्च को खून की जांच में थैलियम जहर की पुष्टि हुई. जिसके बाद अपना इलाज कराया और पुलिस (Delhi Police) से वरुण की शिकायत कर दी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
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वरुण ने Google पर सर्च किया, 'How To Kill Person With Slow Poison.' इसके बाद वरुण को थैलियम नाम के धीमे जहर के बारे में पता चला. सद्दाम हुसैन भी अपने विरोधियों को मारने के लिए थैलियम का इस्तेमाल करता था. वरुण ने पुलिस को बताया कि उसने ये जहर 22 हजार में खरीदा था. पुलिस ने वरुण के घर की तलाशी भी ली जहां से पुलिस को थैलियम की एक शीशी बरामद हुई. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वरुण के पास थैलियम जैसा खतरनाक जहर कहां से आया.
थैलिसम जहर खाने के बाद जिंदा बचे वरुण के ससुर ने बताया कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की शादी वरुण से 12 साल पहले की थी. लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें बच्चा नहीं हुआ था. जिसके बाद उन्होंने IVF की मदद ली और आज से करीब साढ़े चार साल पहले दोनों को जुड़वा बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हुए. उस वक्त तक सब कुछ ठीक चल रहा था.
लेकिन एक साल पहले वरुण के पिता की मौत हो गई और तभी दिव्या प्रेग्नेंट हो गई. उस वक्त दिव्या के डॉक्टर ने कहा कि अगर उसने गर्भपात नहीं कराया तो उसकी मौत हो सकती है, जिसके बाद उसने वरुण की इच्छा के खिलाफ गर्भपात करा दिया. वरुण का कहना था कि बच्चे के रूप में उसके पिता वापस आ रहे हैं. देवेंद्र शर्मा के मुताबिक, इस गर्भपात के बाद से ही वरुण बहुत गुस्से में रहता था और पूरे परिवार से बदला लेने की फिराक में था.
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