दरअसल, दिल्ली सरकार की तरफ से निजी स्कूलों को कहा गया था कि जब तक स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लगती हैं, तब तक वे वार्षिक फीस और डेवलपमेंट फीस नहीं ले सकेंगे.
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नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के निजी स्कूलों के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान भी वार्षिक और डेवलपमेंट फीस देनी होगी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने छात्रों को 10 किस्तों में फीस चुकाने का आदेश दिया था.
दरअसल, दिल्ली सरकार की तरफ से निजी स्कूलों को कहा गया था कि जब तक स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लगती हैं, तब तक वे वार्षिक फीस और डेवलपमेंट फीस नहीं ले सकेंगे. दिल्ली सरकार के इस आदेश को निजी स्कूलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के दोनों आदेशों को रद्द कर दिया था.
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मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार के इन आदेशों से स्कूलों का कामकाज प्रभावित होगा. साथ ही अदालत ने छात्रों से 10 जून से छह किस्तों में शुल्क के भुगतान के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार के शिक्षा निदेशालय को निजी स्कूलों के फीस वसूली में दखल देने का अधिकार नहीं है. इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने कहा था कि शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम की धारा 17 और नियम की गलत व्याख्या की है.
जिसके बाद दिल्ली सरकार ने मामले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी. लेकिन सोमवार को सुप्रीमकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
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