परीक्षा को लेकर छात्र लगातार सोशल मीडिया पर मांग कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से सीबीएसई (CBSE) ने कक्षा 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी है. अब कक्षा 12वीं के छात्र भी इस बात की मांग कर रहे हैं. इसकी एक बानगी सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रही है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं के रद्द करने के लिए याचिका भी डाली गई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मूल्याकंन कैसे किया जाएगा और क्या इस मूल्याकंन के आधार पर विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिलेगा.
छात्र सोशल मीडिया पर कर रहे हैं मांग
परीक्षा को लेकर छात्र लगातार सोशल मीडिया पर मांग कर रहे हैं. कुछ बच्चे तर्क दे रहे हैं कि जिन देशों में कोरोना संक्रमण काफी कम है, वहां भी परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में छात्र #modiji_cancel12thboards और #CancelExamsSaveStudents के जरिए परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. फिलहाल ट्विटर इंडिया में ये ट्रेंड्स टॉप-10 में शामिल हैं.
modiji_cancel12thboards
Decision should be declared as soon as possible
we are now too close to 1 million
tweet more and more pic.twitter.com/llXWR2NUtL— Shashwat karna (@ShashwatKarna) May 17, 2021
Humble request to the Govt of India to cancel the Class 12 Board Examinations. Students have been waiting for a long time. Please take a decision immediately & find an alternative. modiji_cancel12thboards @PMOIndia @PMOIndia @DrRPNishank pic.twitter.com/dMea9Wqlc7
— Rohan Girme (@RohanGirme5) May 17, 2021
CBSE ने नहीं लिया है कोई फैसला
बता दें कि अभी तक इस मामले में सीबीएसई की ओर से कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि, कक्षा 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. 10वीं के रिजल्ट के लिए आंतरिक परीक्षाओं के मूल्याकंन को आधार बनाया जाएगा.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
दिल्ली में स्थित मॉर्डन पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षाविद अल्का कपूर कहती हैं कि वर्तमान स्थिति के मुताबिक बच्चों को प्रमोट कर देना चाहिए. क्योंकि लगातार परीक्षा स्थगित करने से उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है. वहीं, अगर मूल्याकंन की बात करें, तो आंतरिक परीक्षा और सालभर की एक्टिविटिज़ के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा सकता है. हालांकि, इससे कुछ छात्र असंतुष्ट हो सकते हैं. उनके लिए एक विंडो दी जा सकती है, जिसमें वे हालात सामान्य होने पर लिखित परीक्षा दे सकें.