मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अफसर का कहना है कि नए प्रारूप वाले प्रश्नपत्र में स्टूडेंट्स की विश्लेषणात्मक क्षमता को परखा जाएगा. इससे रटने की प्रवृत्ति पर लगाम लग सकता है.
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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2020 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र के प्रारूप में बदलाव की तैयारी में है. सीबीएसई नए प्रारूप में वोकेशनल सबजेक्ट का टेस्ट भी शामिल करने का फैसला लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपि खबर के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अफसर का कहना है कि नए प्रारूप वाले प्रश्नपत्र में स्टूडेंट्स की विश्लेषणात्मक क्षमता को परखा जाएगा. इससे रटने की प्रवृत्ति पर लगाम लग सकता है.
उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बोर्ड का प्रयास है कि स्टूडेंट्स के बीच रटने का चलन पूरी तरह से बंद हो जाए. इससे छात्रों में सोचने-समझने की क्षमता का विकास होगा, जो आगे चलकर उनके लिए लाभदायक साबित होंगे. नए पैटर्न में ज्यादातर सवाल एक से 5 नंबर वाले होंगे.
इस सिलसिले में सीबीएसई ने नई गाइडलाइन्स मंत्रालय को सौंपी है. इसके मुताबिक स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता पर फोकस किया जाएगा. साथ ही स्कूलों में बुनियादी ढांचे के निरीक्षण के लिए, बोर्ड मान्यता प्राप्त अधिकारियों से निरीक्षण करवाकर रिपोर्ट तैयार कराएगा.
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बताया जा रहा है कि इस प्रपोजल में अभी 3-4 महीने का और समय लग सकता है. हालांकि ये माना जा रहा है कि सत्र 2019-20 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में नए पैटर्न के प्रश्नपत्र से परीक्षा ली जाएगी.
कुछ ऐसा हो सकता है प्रश्नपत्र का प्रारूप
एचआरडी मंत्रालय के अधिकारी की बात मानें तो सीबीएसई के नए प्रश्न पत्र में विश्लेषणात्मक पैटर्न वाले सवाल होंगे. छोटे सवाल ज्यादा हो सकते हैं. सवाल कुछ तरह से तैयार किए जाएंगे जिसको हल करने में स्टूडेंट्स को सोच विचार करने पर विवश होना पड़े. इसके अलावा वोकेशनल विषयों की परीक्षा फरवरी में और मुख्य विषयों की परीक्षा मार्च में हो सकते हैं.