नई दिल्ली: इस वक्त अगर आप सोशल मीडिया खोलें, तो लोग इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर आपस में भिड़े हुए हैं. हालात, ये है कि युद्ध इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हो रहा है और भारतीय आपस में वाक्य युद्ध कर रहे हैं. लेकिन इस वाक्य युद्ध से पहले ये जानना काफी जरूरी है कि आखिर इजरायल और फिलिस्तीन आपस में क्यों लड़ रहे हैं? ये लड़ाई कब से चल रही है और अब ऐसा क्या हुआ कि लंबे समय की शांति टूट गई...


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कब शुरू हुई लड़ाई? 
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय में दुनिया में यहूदियों पर काफी अत्याचार हो रहा था. ऐसे में वह अपने लिए एकअलग राष्ट्र की मांग कर रहे थे. उस समय दुनिया के अधिकांश हिस्से पर ब्रिटेन का शासन था.  ऐसे में अरब को वो इलाका, जहां कभी ऑटोमन साम्राज्य का राज था. वहां से ब्रिटेन वापस जाने लगा. लेकिन यहूदियों की मांग पर उन्हें एक देश देने का फैसला किया. जो आज इजरायल कहा जाता है. 


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आधुनिक लड़ाई की शुरुआत यहीं से होती है. देश की मांग कर रहे है यहूदी दुनिया भर से यहां पहुंचने लगे. लेकिन ये बात अरब और वहां रह रहे मुस्लिमों को पसंद नहीं आई. इसकी बड़ी वजह थी यरूशलम. जिसें दोनों ही धर्म के लोग अपने लिए पवित्र मानते थे. साल 1947 में यूनाइटेड नेशन (UN) में दो  देश बनाने के लिए प्रस्ताव रखा गया. साल 1948 में इजरायल को देश को तौर पर मान्यता मिल गई. इसके बाद इजरायल में 6 लाख यहूदी पहुंचे. बाकि बचे 13लाख फिलिस्तीनी दूसरे हिस्से में पहुंच गए. जो जॉर्डन से सटा है. 


पहला युद्ध 
पहली बार जब युद्ध हुआ, तो यह मामला फिलिस्तीन बनाम इजरायल का नहीं था. बल्कि अरब बनाम इजरायल था. 1948 में इजिप्ट, जॉर्डन, इराक और सीरिया ने इजराइल पर हमला कर दिया.  लेकिन ये देश इजरायल के सामने हार गए और इजरायल का कब्जा यरूशलम पर हो गया. यहीं से फिलिस्तीन बनाम इजरायल का मामला भड़कना शुरू हुआ. 


दूसरा युद्ध
साल 1967 में अरब देश के साथ दूसरे युद्ध में इजरायल ने वेस्ट बैंक और गाजा पर भी कब्जा कर लिया. इसके बाद मामला इजरायल बनाम फिलिस्तीन हो गया. तब से लेकर आज तक फिलिस्तीनी अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं. हालांकि, वेस्ट बैंक से लेकर गाजा पर अब भी इजरायल का पूर्ण कब्जा नहीं है. यहां PLO और हमास सक्रिय हैं. बीच में एक बार समझौता का मौका आया, लेकिन फिलिस्तीनी तैयार नहीं हुए. 


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अब क्या हुआ? 
फिलिस्तीन और इजरायल इस वक्त सिर्फ 35 एकड़ जमीन के लिए लड़ रहे हैं, जिसे वेस्ट यरूशलम कहा जाता है. दरअसल, इस हिस्से में इस्लाम और यहूदी दोनों के धार्मिक स्थल हैं. अल-अक्सा मस्जिद,  टेम्पल माउंट  और वेस्टर्न वॉल. दोनों ही धर्म के लोग अपनी धर्मग्रंथ के आधार पर इस पर दावा करते हैं. लेकिन इसमें बड़ा फेरबदल ऑटोमन साम्राज्य के समय में हुआ. कुछ यहूदियों ने ईस्ट यरूशलम में जमीनी खरीदीं. लेकिन अरब- इजरायल के युद्ध में इस पर जॉर्डन का कब्जा हुआ. तो वहां फिलिस्तीनी शर्णाथियों के लिए घर बनावाए गए. लेकिन जब वापस इजरायल का कब्जा  हुआ, तो जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया. 1982 में एक समझौता हुए, जिसमें यहूदियों ने फिलिस्तीनियों को रहने के लिए जगह दे दी. लेकिन मालिकाना हक यहूदियों का हो गया. 


लेकिन कुछ समय बाद फिलिस्तीन इस समझौते को मानने से इंकार करने लगे. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो यहूदी पक्ष की जीत हुई. अब इजरायली पुलिस वहां से लोगों की हटा रही है, तो मामला भड़क उठा. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस केस पर फाइनल सुनवाई होनी थी. इससे पहले ही हिंसा भड़क उठी. मामला तब ज्यादा खराब हुआ, जब फिलिस्तीनी अल-अक्सा मस्ज़िद पर इकट्ठा हो गए. और पत्थर बाजी करने लगे. जिसके बाद इजरायली पुलिस मस्जिद के अंदर घुस गई. 


अब ये हमास क्या है? 
इस बीच इजरायल की ओर से कहा जा रहा है कि हमास की ओर से लगातार रॉकेट दागे जा रहे हैं. इस संगठन को इजरायल और अमेरिका आंतकी संगठन का दर्जा दे चुके हैं. दरअसल, इसका कब्जा गाजा के इलाकों पर है. यह अपने आपको फिलिस्तीनियों का रक्षक बताते हैं. और लंबे समय से इजरायल के खिलाफ लड़ रहे हैं. बताया जाता है कि इनको कई देशों से सहयोग भी मिलता है. हालांकि, जहां इनका राज है, वहां हालात काफी खराब हैं. इस बार भी 10 मई को हमास ने चेतावनी जारी की थी कि अगर इजरायल अल-अक्सा मस्ज़िद खाली नहीं करता है, तो हमले किए जाएंगे. 


क्या फिलिस्तीन देश है?
क्या फिलिस्तीन देश है, इस बात को लेकर भी लोगों के अंदर कन्फ्यूजन हैं. तो बता दें कि यूएन के मुताबिक, फिलिस्तीन एक देश है. लेकिन इसे मान्यता साल 2011 में दिया गया. साल 2007 से वहां एक काम चलाऊ सरकार है. PLO नाम का एक संगठन है, जिसकी सरकार है. PLO के मुखिया रहे यासिर अराफात को फिलिस्तीन अस्मिता का नायक माना जाता है. लेकिन अब यह सरकार कमजोर हो गई है. ज्यादातर हिस्सों पर हमास का कब्जा है. वहीं, अगर राजधानी की बात करें, तो वह ईस्ट यरूशलम को अपना भविष्य की राजधानी के तौर पर देखते हैं. जबकि फिलहाल रमला के जरिए काम कर चल रहा है.