Gallantry Awards 2022: जानें कब हुई शुरुआत, कैसे होता है चयन सहित वीरता से जुड़े सभी अवॉर्ड्स के बारे में
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Gallantry Awards 2022: जानें कब हुई शुरुआत, कैसे होता है चयन सहित वीरता से जुड़े सभी अवॉर्ड्स के बारे में

इस अवॉर्ड्स को वर्ष में दो बार दिया जाता है. पहला 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर और दूसरा 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर. इनमें से कुछ पुरस्कार केवल सैनिकों के लिए होते हैं, जबकि कुछ पुरस्कार पुलिस, जेलकर्मी और आम नागरिकों के लिए भी होते हैं. इन वीरता पुरस्कारों में सबसे अहम होता है.

Gallantry Awards 2022: जानें कब हुई शुरुआत, कैसे होता है चयन सहित वीरता से जुड़े सभी अवॉर्ड्स के बारे में

नई दिल्ली. वीरता पुरस्कार 2022 (Gallantry Awards 2022) का एलान हो गया है. इस बार 939 पुलिस कर्मियों को उनके शौर्य के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जाएगा. इसमें 189 वीरों को पुलिस मेडल से सम्मानित किया जाएगा. वहीं, विशिष्ट सेवा के लिए 88 वीरों को राष्ट्रपति का पुलिस मेडल (President Police Medal) और 662 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल दिया जाएगा. पुलिस मेडल पाने वाले 189 वीरों में से 134 कर्मियों को जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया जाएगा.

इस अवॉर्ड्स को वर्ष में दो बार दिया जाता है. पहला 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर और दूसरा 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर. इनमें से कुछ पुरस्कार केवल सैनिकों के लिए होते हैं, जबकि कुछ पुरस्कार पुलिस, जेलकर्मी और आम नागरिकों के लिए भी होते हैं. इन वीरता पुरस्कारों में सबसे अहम होता है, परमवीर चक्र, जो सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है. इसके बाद महावीर चक्र और अन्य आते हैं. आइए जानते हैं, इन पुरस्कारों के बारे में.

1950 हुई थी शुरुआत
वीरता पुरस्कारों की शुरुआत 26 जनवरी, 1950 में हुई. 
हालांकि यह अवॉर्ड 15 अगस्त, 1947 में ही प्रभावित हो गया था. लेकिन तब तीन वीरता पुरस्‍कारों की ही घोषणा की गई थी- परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र. इसके बाद भारत सरकार ने 4 जनवरी, 1952 को तीन अन्‍य वीरता पुरस्‍कारों की शुरुआत की. इनका नाम था- अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III. लेकिन 1967 में इनका नाम बदलकर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया.

ऐसे किया जाता है चयन
सबसे पहले शूरवीरों के नाम पहले रक्षा मंत्रालय के पास भेजे जाते हैं. रक्षा मंत्रालय में इसके लिए केंद्रीय सम्‍मान एवं पुरस्‍कार समिति होती है. यह समिति मंत्रालय के पास आने वाले सभी नामों पर विचार करती है. इसके बाद मानकों के आधार पर एक लिस्ट तैयार की जाती है, जिसमें वीरता पुरस्‍कार के लिए तय नाम होते हैं. यह लिस्‍ट राष्‍ट्रपति के पास भेजी जाती है. राष्‍ट्रपति की अनुमत‍ि के बाद इन पुरस्‍कारों की लिस्ट जारी कर दी जाती है.

ये हैं वीरता पुरस्कार से जुड़े सभी अवॉर्ड्स
परमवीर चक्र
यह देश का सर्वोच्‍च सैन्‍य अलंकरण सम्‍मान है. युद्ध में शूरवीरता और त्‍याग के लिए दिया जाता है. इसे मराणोंपरांत भी दिया जाता है. पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा को दिया गया था. तब से लेकर अब तक देश में 21 जवानों को परमवीर चक्र मिल चुका है.

महावीर चक्र
महावीर चक्र युद्ध में जवान की वीरता का पदक है. इसको असाधारण वीरता और बलिदान के लिए दिया जाता है. इस अवॉर्ड को मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है. वरीयता क्रम में यह परमवीर चक्र के बाद आता है.

वीर चक्र
युद्ध में अदम्‍य साहस और वीरता दिखाने वाले सैनिकों को वीर चक्र के लिए चुना जाता है. यह देश का तीसरा सर्वोच्‍च वीरता सम्‍मान है. यह पुरस्कार भी मरणोंपरांत दिया जा सकता है. अब तक 1324 लोगों को यह सम्‍मान मिल चुका है.

अशोक चक्र
यह शांति काल में दिया जाने वाला वीरता सम्मान है. यह युद्ध के लिए अतुलनीय शौर्य, बहादुरी और बलिदान के लिए दिया जाता है. इस सम्मान का वही महत्‍व है जो युद्ध काल में परमवीर चक्र का है. अब तक 97 जवानों को अशोक चक्र दिया जा चुका है.

कीर्ति चक्र
यह भी शांतिकाल में दिया जाने वाला वीरता पदक है. यह सम्मान सैनिकों और गैर-सैनिकों को असाधारण वीरता और बलिदान के लिए दिया जाता है. अब तक देश में 483 जवानों को कीर्ति चक्र से सम्‍मानित किया जा  चुका है.

शौर्य चक्र
शौर्य चक्र भी शांतिकाल का वीरता पदक है.

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